राजापुर के एक सामान्य दुकानदार से करोड़ों की संपत्ति के मालिक बने राजेन्द्र सोनी उर्फ छोटल्ली की कहानी में कई रहस्य छिपे हैं। मूर्ति चोरी कांड से जुड़ाव, जीएसटी चोरी के आरोप और आय से अधिक संपत्ति—जानिए इस रहस्यमय संपत्ति साम्राज्य का सच।
संजय सिंह राणा की खास रिपोर्ट
चित्रकूट | तुलसी नगरी राजापुर में बीते कुछ वर्षों में एक नाम तेजी से उभरा है—राजेन्द्र सोनी उर्फ छोटल्ली सोनी। कभी आम दुकानदार की हैसियत रखने वाला यह व्यक्ति अब करोड़ों की चल-अचल संपत्ति का मालिक है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह संपत्ति आई कहां से?
दरअसल, छोटल्ली सोनी कभी एक साधारण कपड़े की दुकान चलाया करता था, जिसके लिए वह लोगों से कर्ज लिया करता था। मगर अब वही व्यक्ति ‘सोनी इंपोरियम’ नाम से एक भव्य कपड़े की दुकान का मालिक है और सर्राफा बाजार में उसकी एक शानदार ज्वेलरी शॉप भी है, जिसकी कीमत लाखों में आंकी जा रही है।
अचानक कैसे बदल गई किस्मत?
चर्चाओं का बाजार गर्म है। स्थानीय लोगों की मानें तो छोटल्ली सोनी की संपत्ति में तेजी से इज़ाफ़ा गुड्डू सोनी की संदिग्ध मौत के बाद हुआ, जो उसका भतीजा था। बताया जाता है कि गुड्डू मूर्ति चोरी कांड में संदिग्ध रूप से शामिल था और उसकी हत्या कर दी गई थी। उसकी लाश पंप कैनाल के पास नहर की पटरी पर मिली थी।
इसी घटना के बाद राजेन्द्र सोनी की संपत्ति में अप्रत्याशित उछाल देखने को मिला। सवाल उठता है कि क्या यह उछाल किसी छुपे हुए गहरे राज की ओर इशारा कर रहा है?
व्यापार या गोरखधंधा?
छोटल्ली सोनी की दोनों दुकानों—सोनी इंपोरियम और सर्राफा शॉप—में कथित रूप से जीएसटी की बड़े पैमाने पर चोरी की जा रही है। ग्राहकों को पक्का बिल न देकर कच्चे बिल के ज़रिए लेन-देन किया जा रहा है, जिससे राजस्व को बड़ा नुकसान हो रहा है।
इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि दुकानों में रखे गए माल—कपड़ों और आभूषणों—की मात्रा और मूल्य वास्तविक रिपोर्टिंग से कहीं अधिक है, जो संदेह को और गहरा करता है।
प्रशासन की चुप्पी क्यों?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब आम जनता तक यह बातें पहुंच चुकी हैं, तो प्रशासन अब तक चुप क्यों है? आयकर विभाग और जीएसटी विभाग अब तक कार्रवाई क्यों नहीं कर सके? क्या कोई राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण छोटल्ली सोनी को प्राप्त है?
कस्बे में इस समय यही चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर एक साधारण दुकानदार कुछ ही वर्षों में कैसे ‘काले धन का कुबेर’ बन गया?
राजेन्द्र सोनी उर्फ छोटल्ली की आय से अधिक संपत्ति का मामला कई सवालों को जन्म देता है। यदि जल्द ही प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो यह मामला कानून व्यवस्था और वित्तीय पारदर्शिता पर गहरी चोट करेगा। अब देखना यह है कि क्या शासन-प्रशासन इस गुत्थी को सुलझाने में रुचि दिखाता है या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दब कर रह जाएगा।
(इस प्रकरण की अगली कड़ी में खुलेंगे और भी राज—जुड़े रहिए…👇)