बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़, मास्टरमाइंड छांगुर बाबा की महलनुमा कोठी पर चला बुलडोजर। प्रशासन ने खर्च की वसूली तय की, ईडी और एटीएस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे।
नौशाद अली की रिपोर्ट
🟦अवैध धर्मांतरण रैकेट का सरगना निकला हाई-टेक बाबा
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद में चल रहे अवैध धर्मांतरण रैकेट से जुड़े मामले में मुख्य आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद एक के बाद एक बड़े खुलासे हो रहे हैं। जहां एक तरफ यूपी एटीएस और ईडी मामले की तह तक पहुंचने में जुटे हैं, वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने बाबा के अवैध रूप से बने आलीशान ठिकाने पर बुलडोजर चला दिया है।
🟩सीसीटीवी और सोलर पैनलों से लैस थी छांगुर बाबा की कोठी
कार्रवाई के दौरान प्रशासन को छांगुर बाबा की कोठी के अंदर का नजारा देख हैरानी हुई। महलनुमा कोठी न सिर्फ भव्य थी, बल्कि तकनीकी रूप से हाई-टेक भी थी। अंदर से यह कोठी पूरी तरह सीसीटीवी कैमरों से लैस थी, और इतना ही नहीं, एक भी मिनट के लिए कैमरे बंद न हों, इसके लिए बाबा ने पूरी कोठी के लिए स्वतंत्र पावर प्लांट का इंतजाम कर रखा था।
इस पावर प्लांट के लिए छत पर दर्जनों सोलर पैनल, बड़ी संख्या में बैटरियां, और एक विशेष इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया था। बिजली सप्लाई बाधित न हो, इसके लिए एमसीबी और बैकअप सिस्टम भी विशेष रूप से तैयार किए गए थे।
🟥साधारण दिखने वाला बाबा, निकला करोड़ों का नेटवर्क संचालक
जो छांगुर बाबा बाहर से एक साधारण व्यक्ति नजर आता था, उसकी कोठी के अंदर की दुनिया ने सबको चौंका दिया। जब पुलिस और प्रशासन ने कोठी की जांच शुरू की, तो सामने आया कि यह ठिकाना केवल रहने का स्थान नहीं, बल्कि धर्मांतरण नेटवर्क का ऑपरेशन सेंटर था।
🟦सरकारी जमीन पर बना महल, अब चला बुलडोजर
बलरामपुर के उतरौला तहसील के मधुपुर गांव में स्थित यह कोठी, सरकारी भूमि के गाटा संख्या 370 और 337 पर बिना अनुमति के अवैध रूप से बनाई गई थी। प्रशासन ने पहले जलालुद्दीन और उसके सहयोगियों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में कब्जा हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन निर्देश की अनदेखी करने पर तीन दिन तक बुलडोजर चलाकर निर्माण ध्वस्त किया गया।
🟩8.55 लाख रुपये की वसूली तय, कानून का शिकंजा कसता जा रहा है
डीएम पवन अग्रवाल के मुताबिक, इस कार्रवाई में कुल 8 लाख 55 हजार रुपये का खर्च आया, जिसे अब जलालुद्दीन और उसके साथियों से वसूला जाएगा। इसके लिए नोटिस जारी किया जा रहा है, और तय समय पर भुगतान न होने की स्थिति में कानूनी कार्रवाई तय है।
🟥 ईडी और एटीएस की जांच में कई नए राज खुलने बाकी
गौरतलब है कि 5 जुलाई को छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद से ही ईडी भी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच कर रही है। कोठी से मिले दस्तावेज़ और तकनीकी साक्ष्य इस बात की ओर इशारा करते हैं कि यह मामला सिर्फ धर्मांतरण तक सीमित नहीं, बल्कि आर्थिक अपराधों और संगठित नेटवर्क से भी जुड़ा हो सकता है।
बलरामपुर में चल रही यह कार्रवाई न सिर्फ एक अवैध धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे सरकारी ज़मीन पर कब्जा कर, एक साधारण दिखने वाला व्यक्ति तकनीकी और आर्थिक ताकत से लैस आपराधिक साम्राज्य खड़ा कर सकता है। अब जब जांच एजेंसियां सक्रिय हो चुकी हैं, तो छांगुर बाबा और उसके नेटवर्क की मुश्किलें और गहराने वाली हैं।