आजमगढ़ की साइबर क्राइम पुलिस ने सूचना आयोग का अधिकारी बनकर ग्राम प्रधानों से ठगी करने वाले शातिर ठग पंकज यादव को गिरफ्तार किया। आरोपी ने लाखों रुपये की ठगी की और गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी फर्जी मौत की अफवाह फैलाई।
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़। आजमगढ़ जनपद की साइबर क्राइम पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो खुद को सूचना आयोग या राजभवन सचिवालय का अधिकारी बताकर राज्य भर के ग्राम प्रधानों को निशाना बना रहा था। इस गिरफ़्तारी के साथ ही लंबे समय से फरार चल रहे ठग की ठगी की चौंकाने वाली कहानी भी सामने आई है।
प्रारंभिक जानकारी और गिरफ्तारी
साइबर क्राइम पुलिस ने यह कार्रवाई 13 जुलाई 2025 को की। अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) चिराग जैन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी पंकज यादव के खिलाफ पहले से ही साइबर थाना, आजमगढ़ में मुकदमा दर्ज था और पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। आखिरकार तकनीकी सर्विलांस और लोकेशन ट्रैकिंग के माध्यम से पुलिस ने उसे चित्रकूट जिले से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल फोन और ₹3200 नकद बरामद किए हैं।
अपराध की योजना और तरीका
पूछताछ में पंकज यादव ने खुलासा किया कि वह एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) की वेबसाइट से ग्राम प्रधानों और पूर्व प्रधानों की जानकारी जुटाता था। इसके बाद वह खुद को सूचना आयोग का अधिकारी या फिर राजभवन सचिवालय में नियुक्त आईएएस अधिकारी हर्षवर्धन सिंह राठौर बताकर फोन करता था।
वह प्रधानों को धमकी देता कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें दर्ज हैं और अब सरकारी जांच शुरू होने वाली है। डर और भ्रम की स्थिति में वह उनसे ‘सरकारी टैक्स’ या ‘विशेष निधि जांच’ के नाम पर रकम वसूल लेता था।
बड़े पैमाने पर ठगी
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने कई जिलों में इस तरह की ठगी की। वर्ष 2024 में उसने आजमगढ़ जिले के गोछा गांव के प्रधानपति मोहम्मद आरिफ को अपना शिकार बनाया। खुद को राजभवन सचिवालय का अधिकारी बताकर उसने आरिफ से ₹8,26,995 की ठगी की।
गिरफ्तारी से बचने की कोशिशें
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि पंकज यादव गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा। इतना ही नहीं, उसने अपनी ‘मौत’ की झूठी खबर तक फैला दी। उसने फर्जी मौत की तस्वीरें बनाकर न केवल अपने परिजनों और परिचितों को बल्कि पुलिस को भी गुमराह करने की कोशिश की। हालांकि, उसकी चालें पुलिस के सटीक तकनीकी निगरानी के आगे टिक नहीं सकीं।
आरोपी का पता
गिरफ्तार आरोपी पंकज यादव, जनपद बाराबंकी के असन्द्रा थाना क्षेत्र के नाथूपुर सूरजपुर 35, रामसनेही घाट का रहने वाला है।
यह मामला न केवल साइबर ठगी की बढ़ती चुनौती को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अपराधी किस हद तक जाकर लोगों को धोखा दे सकते हैं। आजमगढ़ पुलिस की इस कार्रवाई ने एक ऐसे गिरोह की जड़ों को उजागर किया है जो प्रशासनिक पदों की आड़ में मासूम लोगों को निशाना बना रहा था।
इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए आम नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है और किसी भी अनजान कॉल या व्यक्ति से प्राप्त जानकारी की पहले पुष्टि करनी चाहिए।