आजमगढ़ के दीदारगंज क्षेत्र में मुस्लिम युवती और हिंदू युवक की कोर्ट मैरिज और मंदिर में हिंदू रीति से विवाह ने सामाजिक हलचल मचा दी है। जानें पूरी घटना और पुलिस की भूमिका।
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़: दीदारगंज थाना क्षेत्र के रम्मौपुर गांव में दो अलग-अलग समुदायों से ताल्लुक रखने वाले प्रेमी युगल द्वारा प्रेम विवाह करने का मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का केंद्र बन गया है। मुस्लिम समुदाय की युवती तमन्ना और हिंदू समुदाय से संबंध रखने वाले युवक चन्दन मौर्या, पुत्र शेषनाथ मौर्या, ने पहले कानूनी रूप से कोर्ट मैरिज की और इसके बाद हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह कर लिया।
तीन वर्षों का प्रेम संबंध
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, तमन्ना और चन्दन पिछले तीन वर्षों से एक-दूसरे के प्रेम में थे। दोनों ने लगभग एक वर्ष पूर्व कोर्ट मैरिज की थी, जिससे यह स्पष्ट था कि उनका संबंध केवल अस्थायी नहीं बल्कि गंभीर और दीर्घकालिक था। हालांकि, यह विवाह दोनों परिवारों की सहमति से नहीं हुआ था।
घर से भागने की घटना और पुलिस हस्तक्षेप
विवाह के बाद भी सामाजिक स्वीकृति न मिलने के कारण, 30 मई को दोनों घर से फरार हो गए। तमन्ना के परिजनों ने इसकी सूचना दीदारगंज थाने में दी, जिसके पश्चात पुलिस हरकत में आई और 1 जुलाई को युगल को बरामद कर लिया।
इसके बाद, पुलिस द्वारा कोर्ट मैरिज के वैध दस्तावेजों की जांच की गई। जांच में दोनों को बालिग पाया गया और कानूनी रूप से पति-पत्नी होने के प्रमाण मिल गए। अतः, उन्हें मुक्त कर दिया गया और क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से दोनों पक्षों को पाबंद भी किया गया।
धर्म परिवर्तन और हिंदू रीति से विवाह
इस पूरे घटनाक्रम में नया मोड़ तब आया जब शनिवार को तमन्ना ने स्वेच्छा से हिंदू धर्म अपनाया और अपना नया नाम ‘तनु मौर्या’ रखा। इसके बाद, दोनों ने फूलपुर तहसील के मकसुदिया स्थित प्राचीन शिव मंदिर में विधिवत हिंदू संस्कारों के अनुसार विवाह किया। इस अवसर पर युवती के परिजन उपस्थित नहीं थे, जबकि चन्दन के परिवार के कुछ सदस्य विवाह में शामिल हुए।
पुलिस की प्रतिक्रिया और सामाजिक प्रभाव
दीदारगंज थानाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने बताया कि चूंकि दोनों परिवार एक ही गांव से हैं, पहले भी विवाद की स्थिति उत्पन्न हो चुकी थी। इसीलिए, संभावित शांति भंग को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने समय रहते उचित कदम उठाया। प्रेमी युगल द्वारा विवाह के सभी वैध दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं, जिससे मामला कानूनन मान्य है।
सामाजिक बहस को जन्म
इस घटना ने क्षेत्र में सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से नई बहस को जन्म दिया है। एक तरफ़ इसे प्रेम और स्वतंत्रता की जीत माना जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ कुछ वर्गों में धार्मिक रूपांतरण और अंतर-धार्मिक विवाह को लेकर असहमति भी देखी जा रही है। यह प्रकरण समाज में बढ़ती वैचारिक विविधता और पारंपरिक सोच के टकराव का प्रतीक बन गया है।