दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
यह कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है जिसकी आड़ में न जाने कितनी ही लड़कियों की जिंदगी अंधेरे, सीलन भरे कमरों में घुटकर खत्म हो जाती है। पूरे देश में कुल 1170 रेड लाइट एरिया हैं, जिनमें कोलकाता व मुंबई के रेड लाइट एरिया सबसे बड़े देहव्यापार इलाकों के रूप में बदनाम हैं। वहीं राजस्थान, उत्तर प्रदेश व उड़ीसा के भी कुछ क्षेत्र हैं, जहां देह व्यापार की प्रथा का लंबा इतिहास रहा है। यहां ‘मुजरे’ व ‘नाच-गाने’ के लिए जो स्थान कभी मशहूर हुआ करते थे बाद में यही वेश्यावृत्ति के अड्डों के रूप में बदनाम हो गए तब से अब तक यहां देह व्यापार चलता आ रहा है।
मेरठ शहर के बीचो बीच स्थित कबाड़ी बाजार का नाम सुनते ही एक नकारात्मक छवि दिमाग में बन जाती है। जी हां, यह बाजार कबाड़ के लिए नहीं बल्कि जिस्मफरोशी और देहर व्यापार के लिए पूरे देश में बदनाम है। यहां मौजूद सेक्स वर्कर्स की जिंदगी किसी नर्क से कम नहीं है। पुलिस कई बार ऐसी लड़कियों को भी रेस्क्यू करके छुड़ा चुकी है जिन्हें नेपाल और पश्चिमी बंगाल से तस्करी कर लाया गया और देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया। ताजा स्थिति की बात करें तो जिला क्षय रोग अधिकारी की रिपोर्ट के मुताबिक यहां साल 2009 से लगातार रेड लाइट एरिया चल रहा है। जहां लगभग 75 कोठे हैं और 400 से भी ज्यादा सेक्स वर्कर मौजूद हैं। हां, बस फर्क इतना है कि अब इन बदनाम गलियों में बदलाव की बयार बह रही है। यहां बच्चों को इन तंग गलियों से निकलकर स्कूल के लिए जाते हुए देखा जा सकता है।
तीर्थनगरी के चरित्र पर काला धब्बा है मीरगंज का ये इलाका
कुंभ ने प्रयागराज को तीर्थस्थान के रूप में पूरे विश्व में प्रसिद्ध किया है लेकिन, कभी अपनी शिक्षा का केंद्र रहे इस शहर में एक ऐसी जगह है जो आस्था में डूबी इस तीर्थनगरी के चरित्र पर एक कलंक की तरह ही है। यहां पुरानी इमारतों के बीच मीरगंज इलाका वैश्यावृत्ति के लिए पूरे देश में बदनाम है। बताया जाता है कि यहां का यह रेड लाइट एरिया तकरीबन डेढ़ सौ साल से चल रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्य क्षेत्र और गृह जनपद गोरखपुर प्रदेश के चल रहे अनैतिक देह व्यापार मामले में दूसरे स्थान पर है। यह तथ्य आरटीआई के तहत राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो की ओर से दी गई जानकारी में सामने आया है। पहले स्थान पर आगरा मंडल है।
आरटीआई एक्टिविस्ट संजय शर्मा ने बीते 14 सितंबर को मुख्य सचिव कार्यालय में 2012 से 2017 तक की अवधि में पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए अपराधियों और पुलिसकर्मियों की संख्या की सूचना मांगी थी। मुख्य सचिव कार्यालय से अंतरित होकर पुलिस मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक (अपराध) के कार्यालय पंहुची।
इस आरटीआई अर्जी पर राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो के जनसूचना अधिकारी ने जो सूचना उपलब्ध कराई, उसके मुताबिक यूपी के 9 मंडलों में अनैतिक देह व्यापार के अभियुक्तों की संख्या के मामले में आगरा मंडल प्रथम तो गोरखपुर मंडल दूसरे स्थान पर है।
आरटीआई के तहत दिए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एक जनवरी 2017 से 30 सितंबर 2017 तक यूपी के 9 मंडलों में अनैतिक देह व्यापार के अपराधों में सर्वाधिक 48 अभियुक्त आगरा मंडल, दूसरे नंबर पर 36 अभियुक्त गोरखपुर मंडल, तीसरे नंबर पर 29 अभियुक्त लखनऊ मंडल के रहे।
वहीं, चौथे नंबर पर 26 अभियुक्त बरेली मंडल, पांचवें नंबर पर 24-24 अभियुक्त मेरठ और वाराणसी मंडल, छठे नंबर पर 16 अभियुक्त इलाहाबाद मंडल के रहे. इस अपराध के पंजीकृत अभियोगों में सर्वाधिक 9 मामले आगरा मंडल, दूसरे नंबर पर 8-8 मामले बरेली और मेरठ मंडल के थे।
तीसरे नंबर पर 7 मामले लखनऊ मंडल, चौथे नंबर पर 6 मामले गोरखपुर मंडल, पांचवें नंबर पर 4 मामले वाराणसी मंडल और छठे नंबर पर 3 मामले इलाहाबाद मंडल के थे। सूचना के मुताबिक, कानपुर मंडल सूबे का एकमात्र ऐसा मंडल रहा, जहां अनैतिक देह व्यापार की कोई घटना नहीं हुई।
Author: samachar
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