ऑपरेशन सिंदूर के बाद उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद, नेपाल और 9 पड़ोसी राज्यों की सीमाओं पर कड़ी निगरानी, 110 चेक पोस्ट और 151 सीसीटीवी से सतत मॉनिटरिंग।
संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
लखनऊ। ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई के बाद देश में आंतरिक सुरक्षा को लेकर चौकसी काफी बढ़ा दी गई है। विशेषकर उत्तर प्रदेश में सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस प्रशासन ने सीमावर्ती इलाकों में निगरानी और सघन चेकिंग का दायरा व्यापक कर दिया है।
नेपाल सीमा पर सुरक्षा के खास इंतजाम
उत्तर प्रदेश की नेपाल से जुड़ी 570 किलोमीटर लंबी सीमा पर पुलिस, एसएसबी और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त टीमें अलर्ट मोड में हैं। लखीमपुर खीरी, जिसकी 120 किलोमीटर सीमा नेपाल से लगती है, समेत सात सीमावर्ती जिलों—महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच और पीलीभीत—में सुरक्षा व्यवस्था को विशेष रूप से सशक्त किया गया है।
इसके अलावा, इन इलाकों में बसे 980 गांवों में 970 ग्राम सुरक्षा समितियों को सक्रिय किया गया है, जो स्थानीय स्तर पर संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी जुटाकर पुलिस को सतर्क कर रही हैं।
110 चेक पोस्ट और 151 सीसीटीवी से निगरानी
नेपाल सीमा पर स्थापित 110 चेक पोस्टों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही, 151 सीसीटीवी कैमरों के जरिए हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। 78 संयुक्त चेक पोस्टों पर एसएसबी, कस्टम, पुलिस और आईबी के अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं।
पड़ोसी राज्यों से सटी सीमा पर भी कड़ी नजर
इसके साथ ही, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, झारखंड और छत्तीसगढ़ से जुड़ी 3,048 किलोमीटर सीमा पर स्थित 210 थानों को सघन चेकिंग का आदेश दिया गया है।
यूपी के 30 जिलों की पुलिस—जैसे मथुरा, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद आदि—को विशेष सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं। सीमावर्ती 228 थानों की पुलिस आपस में समन्वय बनाकर काम कर रही है ताकि कोई भी संदिग्ध मूवमेंट तुरंत पकड़ में आ सके।
डीजीपी के निर्देश पर सक्रियता तेज
राज्य के डीजीपी प्रशांत कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सीमाओं पर किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे हर गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई संभव हो सके।