समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में महिला सभा की अहम बैठक में 2027 की चुनावी रणनीति का खाका खींचा। उन्होंने महिलाओं को ₹3000 मासिक सहायता देने का वादा किया और योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर तीखा हमला बोला।
अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। शनिवार को लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में सपा महिला सभा की राज्य और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने की।
बैठक में प्रदेश भर से आई महिला पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। चर्चा का मुख्य केंद्र महिला सशक्तिकरण रहा, जिसे आगामी चुनावी एजेंडे में प्राथमिकता देने का संकल्प लिया गया। साथ ही जनसंपर्क अभियान के ज़रिए पार्टी की योजनाओं को घर-घर पहुंचाने की रूपरेखा भी तय की गई।
सपा सरकार बनने पर महिलाओं को ₹3000 प्रति माह की ‘स्त्री समृद्धि सम्मान योजना’
बैठक को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा के मसले पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि,
“महिलाएं आज भी खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर रही हैं। सरकार केवल आंकड़ों को छिपाने में व्यस्त है।”
उन्होंने घोषणा की कि सपा सरकार आने पर ‘स्त्री समृद्धि सम्मान योजना’ लागू की जाएगी, जिसके अंतर्गत प्रदेश की महिलाओं को हर महीने ₹3000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना को महिला स्वावलंबन और आर्थिक सशक्तिकरण का आधार बताया गया।
इतना ही नहीं, सपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि 1090 महिला हेल्पलाइन को पुनर्गठित किया जाएगा और इसे तकनीकी रूप से अधिक सक्षम बनाया जाएगा, ताकि ज़रूरतमंद महिलाओं को त्वरित और प्रभावी सहायता मिल सके।
ईरान-इजरायल संकट: विदेश नीति पर पारदर्शिता की मांग
बैठक के दौरान अखिलेश यादव ने अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर भी अपनी राय रखते हुए केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने ईरान-इजरायल संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सरकार को स्पष्ट और निष्पक्ष विदेश नीति अपनानी चाहिए।
उनका सुझाव था कि संकटग्रस्त क्षेत्रों में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए विशेष विमान भेजे जाएं और राजनयिक स्तर पर गंभीर हस्तक्षेप किया जाए।
चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन की भूमिका पर उठाए सवाल
सपा प्रमुख ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हुए उसे भाजपा सरकार के दबाव में काम करने वाला बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश का पुलिस प्रशासन भी निष्पक्षता की सीमाएं लांघते हुए विपक्षी दलों को दबाने का माध्यम बन गया है।
उन्होंने कहा,
“पुलिस और प्रशासन का रवैया पूरी तरह संवेदनहीन हो चुका है। महिलाओं की पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में कटौती हो रही है, जिससे जनकल्याण प्रभावित हो रहा है।”
2027 की तैयारी में महिला शक्ति को केंद्र में रखेगी सपा
समाजवादी पार्टी की यह बैठक स्पष्ट संकेत देती है कि पार्टी 2027 की चुनावी लड़ाई को महिलाओं की भागीदारी और अधिकारों को केंद्र में रखकर लड़ेगी। महिला सशक्तिकरण, सामाजिक सुरक्षा और भाजपा सरकार की विफलताओं को लेकर आक्रामक प्रचार रणनीति अपनाई जाएगी।