बलिया में शादी का झांसा देकर दुष्कर्म और अश्लील तस्वीरें वायरल करने के आरोपी विष्णुकांत यादव को पुलिस ने किडिहरापुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। जानें पूरी घटना और पुलिस कार्रवाई का विवरण।
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
बलिया, उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में शादी का झांसा देकर दुष्कर्म और सोशल मीडिया पर पीड़िता की आपत्तिजनक तस्वीरें वायरल करने के मामले में बड़ी सफलता मिली है। बलिया पुलिस ने लंबे समय से वांछित चल रहे आरोपी विष्णुकांत यादव उर्फ बीरन यादव को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई भीमपुरा थाना क्षेत्र में दर्ज मुकदमा संख्या 92/2025 के तहत की गई है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी विष्णुकांत यादव, निवासी डफलपुरा, थाना भीमपुरा, पर भारतीय दंड संहिता की धारा 69, 352, 351(2) बीएनएस एवं आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत केस दर्ज था।
अपराध की गंभीरता और पुलिस की तत्परता
जांच के दौरान यह सामने आया कि विष्णुकांत यादव ने युवती को विवाह का प्रलोभन देकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। यही नहीं, उसने पीड़िता की आपत्तिजनक तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर दीं, जिससे उसकी प्रतिष्ठा को गहरा आघात पहुंचा।
इस मामले में पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह के नेतृत्व में अपराध नियंत्रण अभियान के तहत विशेष टीम गठित की गई थी। अपर पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में थाना उभांव की पुलिस टीम ने 12 जून 2025 को मुखबिर की सूचना पर ग्राम पशुहारी क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया। इसी दौरान किडिहरापुर रेलवे स्टेशन से सुबह 5 बजे आरोपी को दबोच लिया गया।
न्यायिक प्रक्रिया और जनता की प्रतिक्रिया
गिरफ्तारी के बाद आरोपी को बलिया न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई की स्थानीय लोगों ने खुले दिल से सराहना की है।
इस बीच बलिया पुलिस की सोशल मीडिया सेल ने इस केस की जानकारी साझा करते हुए आम जनता से सहयोग की अपील की है, ताकि इस प्रकार के अपराधों के विरुद्ध कठोर संदेश दिया जा सके।
एसपी ओमवीर सिंह का सख्त संदेश
एसपी ओमवीर सिंह ने दोटूक शब्दों में कहा कि,
“बलिया में किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और ऐसे मामलों में पुलिस जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है।”
इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यूपी पुलिस, विशेष रूप से बलिया पुलिस, महिला अपराधों को लेकर सतर्क और सक्रिय है। आरोपी विष्णुकांत यादव की गिरफ्तारी से जहां पीड़िता को राहत मिली है, वहीं समाज में यह संदेश गया है कि अपराध चाहे जितना भी गंभीर क्यों न हो, कानून की पकड़ से बच पाना असंभव है।