उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुए अजय तिवारी अपहरण कांड में पुलिस अभी तक खाली हाथ है। एसपी ने थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर नई टीम गठित की है। जानें पूरी खबर।
जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में अजय तिवारी के अपहरण कांड ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। घटना को बीते 72 घंटे से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अब तक पुलिस के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लगा है। नतीजतन, इस गंभीर असफलता से नाराज पुलिस अधीक्षक (एसपी) ओमवीर सिंह ने सुखपुरा थाने के प्रभारी रामायण सिंह को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है। उनकी जगह अब गड़वार थाने में तैनात अपराध निरीक्षक सुशील कुमार दूबे को नया प्रभारी नियुक्त किया गया है।
गौरतलब है कि यह सनसनीखेज वारदात रात करीब दो बजे की है, जब नकाबपोश और हथियारबंद बदमाश एक थार जीप और करीब 15-20 मोटरसाइकिलों के काफिले के साथ गांव में दाखिल हुए। उन्होंने अजय तिवारी के घर पर हमला कर उन्हें जबरन अपने साथ ले गए। इस घटना ने न सिर्फ तिवारी परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि पूरे गांव में डर और दहशत का माहौल बना दिया है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच की दिशा
एसपी ओमवीर सिंह ने तुरंत घटनास्थल का निरीक्षण कर एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। पुलिस का दावा है कि वह हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिली है। वहीं, थाना प्रभारी के निलंबन को कई स्थानीय लोग और भाजपा नेता पुलिस प्रशासन पर बढ़ते दबाव का परिणाम मान रहे हैं।
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
इस मामले पर भाजपा नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं।
पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर अपहरण कांड की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। वहीं, बैरिया से भाजपा के पूर्व विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह ने बताया कि उनकी अपील पर थाना प्रभारी को लाइनहाजिर किया गया है, जिसके लिए उन्होंने एसपी का धन्यवाद किया।
यह अपहरण कांड बलिया की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। जहां एक ओर थाना प्रभारी का निलंबन पुलिस विभाग के लिए जवाबदेही का संकेत है, वहीं दूसरी ओर जनता को अब भी अपराधियों की गिरफ्तारी का इंतजार है। प्रशासन पर बढ़ते दबाव के बीच, यह देखना अहम होगा कि जांच टीम आगे कितनी तेजी से प्रगति करती है।