google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
चित्रकूट

चित्रकूट में पत्रकार पर जानलेवा हमला, महिला और बच्ची से भी की गई मारपीट

300 मीटर पीछा कर मारी थप्पड़—महिलाएं भी बनीं निशाना, वीडियो से हुई पहचान, फिर भी पुलिस बेखबर

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

चित्रकूट के मऊ तहसील में पत्रकार राधेश्याम प्रजापति पर एक अज्ञात हमलावर ने जानलेवा हमला किया। साथ में मौजूद दो महिलाओं को भी थप्पड़ मारे गए और गाली-गलौज की गई। अब तक पुलिस कार्रवाई नहीं होने से पीड़ित पक्ष में भय का माहौल।

सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

चित्रकूट, पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सरकारें चाहे जितने भी वादे कर लें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में मऊ तहसील के कोनिया ग्राम जमीरा निवासी पत्रकार राधेश्याम प्रजापति पर दिनदहाड़े जानलेवा हमला हुआ है। घटना दिनांक 19 जून 2025 की है, लेकिन आज तक पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

घटना का पूरा विवरण

राधेश्याम प्रजापति, जो उस दिन बरगढ़ से मऊ की ओर जा रहे थे, जैसे ही वे ग्राम पंचायत छिवलहा के पास YNS-35 रोड पर पहुँचे, एक अज्ञात व्यक्ति सड़क किनारे खड़ा दिखाई दिया। जैसे ही पत्रकार की बाइक वहां से गुजरी, वह व्यक्ति अचानक सड़क पर आया। राधेश्याम ने टक्कर से बचने के लिए बाइक को दाहिनी ओर निकाल लिया, लेकिन वह व्यक्ति पीछा करते हुए लगभग 300 मीटर तक ओवरटेक करता रहा।

इसके बाद उसने राधेश्याम को अपशब्द कहते हुए रोका और थप्पड़ मार दिया। बाइक असंतुलित होते-होते बची, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। इसके बाद वह व्यक्ति पत्रकार को जबरन नीचे उतारकर मारपीट करने लगा। राधेश्याम के साथ बाइक पर बैठी महिलाएं — कविता (पुत्री नरेंद्र सविता, ग्राम कोटवा माफी) और राधा देवी (पत्नी राजबली, ग्राम जमीरा कोनिया) — जब बीच-बचाव करने लगीं, तो उन्हें भी थप्पड़ मारे गए और अपशब्द कहे गए।

हमलावर ने दी भद्दी गालियाँ और दी जान से मारने की धमकी

हमलावर ने महिलाओं को गंदी-गंदी गालियाँ दीं और धमकी दी कि “जान से मार दूंगा, भाग जाओ यहां से।” उसका व्यवहार इतना हिंसक था कि आसपास के लोग भी डर से कुछ कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।

वीडियो बना कर की पहचान

राधेश्याम ने जैसे-तैसे मोबाइल से एक वीडियो रिकॉर्ड कर लिया, जिसके माध्यम से हमलावर की पहचान मूलचंद पटेल के रूप में हुई। जब उन्होंने मऊ पहुँचकर वीडियो स्थानीय लोगों को दिखाया, तो कुछ ने कहा कि “ये बहुत बड़ा गुंडा है, नाम मत बताना वरना जान से मरवा देगा।”

पुलिस प्रशासन बना मूकदर्शक

घटना की लिखित शिकायत कोतवाली मऊ में दी गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे स्पष्ट है कि पत्रकार, महिला और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस और प्रशासन गंभीर नहीं है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” की हकीकत सामने

पीड़ितों का कहना है कि “दीवारों पर लिखे नारे और कागजों में छपे वादे किसी काम के नहीं, जब तक जमीन पर न्याय न मिले।” कविता देवी और राधा देवी मऊ निबी ग्राम खपटिहा किसी कार्यवश जा रही थीं, लेकिन उन्हें भी इस हमले का शिकार बनना पड़ा।

भीम आर्मी के पदाधिकारी भी मौन

यह भी सामने आया है कि इस हमलावर का स्थानीय राजनीतिक या सामाजिक संगठनों से भी संबंध हो सकता है, क्योंकि लोग उसका नाम बताने में डर रहे हैं।

पत्रकार राधेश्याम प्रजापति पर हुए इस हमले से एक बार फिर यह सवाल खड़ा होता है कि क्या पत्रकार, महिलाएं और बच्चियां वास्तव में सुरक्षित हैं? और अगर नहीं, तो फिर “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” जैसे नारों का क्या मतलब है?

सरकार और पुलिस प्रशासन से पीड़ित पक्ष ने गुहार लगाई है कि आरोपी के खिलाफ जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि आम जनमानस में विश्वास बहाल हो सके।

105 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Close