उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को जून से झटका लगने वाला है। बिजली विभाग ने ऊर्जा और ईंधन अधिभार के नाम पर मासिक बिल में 4.27% की वृद्धि का निर्णय लिया है। जानें इस फैसले से आम जनता पर कितना पड़ेगा असर….
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को जून महीने से अपने बिजली बिल में अप्रत्याशित बढ़ोतरी का सामना करना पड़ेगा। बिजली विभाग ने ऊर्जा और ईंधन अधिभार (एफपीसीए) के तहत मासिक बिल में 4.27 फीसदी की बढ़ोतरी लागू करने का निर्णय लिया है। यह वृद्धि जून के बिलों से प्रभावी होगी।
बढ़ेगा उपभोक्ताओं पर बोझ
गर्मी के इस चरम दौर में बिजली की खपत पहले ही तेजी से बढ़ी हुई है। ऐसे में बिल में अधिभार की यह बढ़ोतरी उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त भार डालेगी। उदाहरण के तौर पर यदि किसी उपभोक्ता का मासिक बिल 2000 रुपये आता है, तो अब उसे लगभग ₹85.40 अतिरिक्त भुगतान करना होगा। स्वाभाविक है कि खपत जितनी अधिक होगी, अधिभार भी उतना ही बढ़ेगा।
दूसरी बार झेलनी पड़ी वृद्धि
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों में यह दूसरी बार है जब उपभोक्ताओं को अतिरिक्त शुल्क का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, बीते माह बिजली दरों में 2 फीसदी की अस्थायी राहत दी गई थी, लेकिन अब वह राहत एक बार फिर भारी वसूली में तब्दील हो गई है।
नियामक आयोग की व्यवस्था
इस बढ़ोतरी का आधार उत्तर प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग की जनवरी में लागू की गई बहुवर्षीय वितरण टैरिफ (MYDT) व्यवस्था का हिस्सा है। आयोग ने ईंधन-ऊर्जा खरीद समायोजन अधिभार को मंजूरी देते हुए तय किया है कि किसी माह के अधिभार की वसूली तीन माह बाद की जाएगी। इस नियम के तहत मार्च में आकलित अधिभार की वसूली अब जून के बिलों में की जा रही है।
जहां एक ओर गर्मी के कारण बिजली की मांग चरम पर है, वहीं दूसरी ओर बिल में यह अप्रत्याशित वृद्धि उपभोक्ताओं के लिए बड़ा झटका बनकर सामने आई है। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे ऊर्जा की खपत को यथासंभव नियंत्रित करें ताकि बिल पर पड़ने वाला असर कुछ हद तक कम हो सके।