चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के म्योरपुर क्षेत्र में ‘तंत्र पूजा’ के नाम पर सुंदर आदिवासी लड़कियों की तलाश कर रहे गिरोह का पर्दाफाश, दो आरोपी गिरफ्तार। पुलिस ने वीडियो के आधार पर जांच शुरू की, अन्य आरोपियों की तलाश जारी।
पूजा-पाठ की आड़ में रची जा रही थी खौफनाक साजिश
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने न केवल प्रशासन को सतर्क कर दिया है, बल्कि पूरे आदिवासी समाज को चिंता में डाल दिया है। म्योरपुर थाना क्षेत्र के किरबिल गांव में ‘तंत्र-मंत्र’ और ‘विशेष पूजा’ के नाम पर आदिवासी लड़कियों की खरीद-फरोख्त करने वाला एक सक्रिय गिरोह पुलिस के रडार पर आ गया है।
दरअसल, बीते कुछ दिनों से दो युवकों का गिरोह गांव-गांव घूमकर विशेष प्रकार की युवतियों की तलाश करता पाया गया। उनकी मांग थी— 5 से 5.5 फीट लंबी, गोरे रंग की, सुंदर आदिवासी युवती, जिसके शरीर पर कोई गोदना (टैटू) नहीं होना चाहिए। सबसे खतरनाक पहलू यह है कि इस युवती को पूजा-पाठ के लिए बाहर ले जाने की बात कही जाती और इसके बदले 5 से 10 लाख रुपए तक का लालच परिजनों को दिया जाता।
वीडियो वायरल होने के बाद खुला राज
इस पूरे प्रकरण का खुलासा तब हुआ जब एक महिला ने सत्येंद्र प्रताप सिंह नामक युवक से हुई बातचीत का वीडियो पुलिस को सौंपा। वीडियो में स्पष्ट रूप से पूजा-पाठ के लिए साफ-सुथरी, लंबी और सुंदर लड़की की मांग की जा रही है। इतना ही नहीं, बातचीत में यह भी सामने आया कि युवती को दुद्धी क्षेत्र के अवधेश कुमार को सौंपा जाना था।
गांवों में सक्रिय था गिरोह, कई परिवारों से हुआ था संपर्क
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह गिरोह न केवल किरबिल गांव, बल्कि आसपास के पीपरहर, पुनर्वास, बंजारी आदि गांवों में परिवारों से संपर्क कर चुका था। ग्रामीणों को यह कहकर बहलाया जा रहा था कि जो भी इस ‘विशेष पूजा’ के लिए लड़की उपलब्ध कराएगा, उसे लाखों रुपये का इनाम दिया जाएगा।
लड़की की उम्र की शर्त भी रखी गई थी— 18 से 28 वर्ष के बीच, जिससे साफ होता है कि यह सुनियोजित मानव तस्करी या बलिप्रथा जैसी अमानवीय प्रथा से जुड़ा हो सकता है।
पुलिस की तत्परता से दो आरोपी दबोचे गए
जैसे ही मामला उजागर हुआ, एडिशनल एसपी त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी के निर्देशन में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सत्येंद्र प्रताप सिंह और अवधेश कुमार नामक दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पूछताछ जारी है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश भी कर रही है।
स्थानीय प्रशासन सतर्क, आदिवासी समाज में आक्रोश
इस घटना ने स्थानीय प्रशासन को भी चिंतित कर दिया है। ग्रामीणों के बीच भय और रोष का माहौल है। प्रशासन ने चेताया है कि किसी भी प्रकार की तंत्र-मंत्र या चमत्कारी पूजा के नाम पर भ्रमित न हों, और ऐसे किसी भी व्यक्ति की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
पूजा और तंत्र-मंत्र की आड़ में आदिवासी लड़कियों को शिकार बनाने की कोशिश न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह हमारे समाज की सबसे काली सच्चाइयों में से एक को उजागर करता है। इस मामले में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि ऐसे गिरोहों की जड़ तक सफाई हो सके और आदिवासी समाज की बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।