उन्नाव लोकसभा चुनाव 2024 में मतदाता जागरूकता में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 5 शिक्षकों को आईएएस प्रेम प्रकाश मीणा ने प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया। जानें किन शिक्षकों को मिला यह गौरव।
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
उन्नाव | लोकसभा चुनाव 2024 में मतदाता जागरूकता अभियान को जन आंदोलन का रूप देने में सराहनीय भूमिका निभाने वाले उन्नाव जनपद के पांच शिक्षकों को पूर्व मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) और आईएएस अधिकारी प्रेम प्रकाश मीणा द्वारा प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इस पहल का उद्देश्य मतदाता जागरूकता बढ़ाने वाले शिक्षकों के प्रयासों को सार्वजनिक रूप से सराहना देना था।
डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा को मिला विशेष सम्मान
सबसे पहले औरास क्षेत्र के स्वीप आइकन डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा को सम्मानित किया गया, जिन्होंने लगभग 20,000 नागरिकों से सीधा संवाद कर उन्हें सपरिवार मतदान के लिए प्रेरित किया। उनके इस अभियान से औरास क्षेत्र में मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
अन्य शिक्षकों के नवाचारी प्रयास
इसके अलावा, चार अन्य शिक्षकों ने भी क्षेत्रीय स्तर पर जागरूकता फैलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई:
मीनू जैसवार (गंज मुरादाबाद): ग्रामीण क्षेत्रों में रैलियों के माध्यम से मतदान प्रेरणा अभियान।
प्रीति मिश्र (एडुलीडर्स जिला संयोजक): टीम बनाकर पूरे जनपद में नवाचारयुक्त जागरूकता कार्यक्रम।
अनुज वर्मा (सरोसी): स्वनिर्मित बैनर, पोस्टर और पर्चों द्वारा मतदाता संवाद।
संजीव संखवार (सफीपुर): डोर-टू-डोर संपर्क कर लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया।
सीडीओ ने बताया उन्नाव को ‘स्वर्णिम कार्यकाल’
आईएएस प्रेम प्रकाश मीणा ने अपने संबोधन में कहा कि, “उन्नाव में मेरा कार्यकाल मेरे जीवन का स्वर्णिम समय रहा है। यहां के शिक्षकों और अधिकारियों के सहयोग से जो परिवर्तन संभव हुआ, वह प्रेरणादायक है।” साथ ही उन्होंने उन्नाव के जिलाधिकारी को अपना आदर्श बताते हुए उनके नेतृत्व की प्रशंसा की।
शिक्षकों ने व्यक्त किया आभार
सम्मानित किए गए सभी शिक्षकों ने सीडीओ द्वारा दिए गए इस सम्मान पर गर्व और कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि वे आगे भी शैक्षिक और सामाजिक गतिविधियों में इसी उत्साह से भाग लेंगे।
समापन में सौंपा गया प्रतीक भेंट
सम्मान समारोह के समापन पर शिक्षकों द्वारा आईएएस प्रेम प्रकाश मीणा को राधा-कृष्ण की प्रतिमा भेंट की गई, जो उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक रही।