
उन्नाव में 15 अप्रैल की सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो महिला शिक्षक और एक कार चालक शामिल हैं। एक अन्य शिक्षिका की हालत गंभीर है। पूरा शिक्षा समाज शोकाकुल है और सहयोग के लिए एकजुट हो गया है।
15 अप्रैल की सुबह, उन्नाव जिले के लिए एक काला अध्याय बनकर आई। यह दिन बेसिक शिक्षा विभाग के परिवार के लिए अत्यंत दुखद और पीड़ादायक साबित हुआ। दरअसल, सफीपुर क्षेत्र की तीन महिला शिक्षिकाएं—अंजुला (जमालनगर), आकांक्षा (न्यामतपुर), और ऋचा अग्निहोत्री—प्रातःकाल विद्यालय के लिए निकली थीं, तभी उनकी कार एक भीषण सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई।
दुर्घटना स्थल पर ही टूटी सांसें
इस हृदयविदारक हादसे में अंजुला और आकांक्षा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि वाहन चालक विशाल को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दूसरी ओर, शिक्षिका ऋचा अग्निहोत्री गंभीर रूप से घायल हैं और कानपुर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज जारी है। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है, और वे जीवन की जंग लड़ रही हैं।
शिक्षा जगत में पसरा मातम
जैसे-जैसे इस हादसे की खबर फैली, पूरे उन्नाव के शिक्षक समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई। घटनास्थल और अस्पताल पर तत्काल बीएसए उन्नाव संगीता सिंह, विभिन्न बीईओ, शिक्षक संगठन प्रतिनिधि और कर्मचारी पहुंच गए। बीएसए ने इस घटना को शिक्षा जगत के लिए “अपूरणीय क्षति” बताया।
सामूहिक संवेदना और सहयोग की भावना
बेसिक शिक्षा कार्यालय, उन्नाव में दो मिनट का मौन रखा गया। इस दौरान प्रमुख रूप से बीईओ मुख्यालय, प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विवेक तिवारी, वरिष्ठ क्लर्क रामबाबू, उदयवीर सिंह, एसआरजी रचना सिंह, सुमित, आशीष सहित सैकड़ों शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे।
गांव स्तर पर भी श्रद्धांजलि सभाएं
रामपुर गढ़ौवा न्यायपंचायत, औरास में संकुल मीटिंग के दौरान लगभग 55 शिक्षकों ने मौन धारण कर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसमें डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा, लक्ष्मी यादव, धर्मेंद्र सिंह, विद्या सागर, शाहे खुबा, संतोष, गगनदीप, अकील मोहम्मद जैसे शिक्षक उपस्थित रहे।
शिक्षक संगठनों की एकजुटता
अंततः, सभी प्रमुख शिक्षक संगठन इस दुखद समय में पीड़ित परिवारों के साथ खड़े नजर आए। प्रतिनिधियों में संजीव संखवार, अनुपम मिश्र, भरत चित्रांशी, अखिलेश शुक्ल, कृष्ण शंकर मिश्र, संजय कन्नौजिया और राम जन्म सिंह जैसे नेताओं ने शोक व्यक्त करते हुए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
इस त्रासदी ने न सिर्फ तीन परिवारों को उजाड़ा, बल्कि शिक्षा जगत को भी गहरे शोक में डुबो दिया है। परंतु इस दुख की घड़ी में शिक्षक समुदाय की एकजुटता और सहयोग भावना एक मिसाल बनकर उभरी है।
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट