मस्तूरी विधानसभा के ग्राम पंचायत दर्राभाठा में शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन किया गया, जहां नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत हुआ, मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया और जनप्रतिनिधियों ने शिक्षा के महत्व पर प्रेरणादायक बातें साझा कीं।
हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत दर्राभाठा में बुधवार को शाला प्रवेश उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और पूजा-अर्चना के साथ हुई, जिससे पूरे वातावरण में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि चंद्रप्रकाश सूर्या ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की यह मंशा है कि राज्य का हर बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करे और अपने जीवन को उज्ज्वल बनाए।
उच्च शिक्षा के लिए बढ़ाया गया बजट
इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस ऐतिहासिक निर्णय की चर्चा की, जिसमें उच्च शिक्षा के लिए बजट को 11,000 करोड़ से बढ़ाकर 59,000 करोड़ कर दिया गया है।
सूर्या ने कहा कि यह निर्णय इस उद्देश्य से लिया गया है कि कोई भी अनुसूचित जाति या जनजाति का छात्र शिक्षा से वंचित न रहे, विशेषकर ग्रामीण परिवेश से आने वाले छात्र।
प्रेरक श्लोक के साथ ज्ञान का महत्व
उन्होंने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देते हुए एक प्रेरक श्लोक के माध्यम से ज्ञान की महत्ता को रेखांकित किया—
“पुस्तकस्था तु या विद्या, परहस्तगतम धनम्। कार्यकाले समुत्पन्ने, न सा विद्या न तद्धनम्।”
अर्थात पुस्तक में रखी विद्या और किसी अन्य के हाथ में गया धन, समय आने पर उपयोगी नहीं होता। इसलिए विद्या को आत्मसात करना आवश्यक है।
सूर्या ने भावपूर्ण अपील करते हुए कहा—
“एक हाथ में पुस्तक थाम लो और दूसरे हाथ में गुरु का हाथ थाम लो, फिर सफलता कोई नहीं रोक सकता।”
मंचासीन गणमान्य व्यक्तियों का मार्गदर्शन
कार्यक्रम में जनपद पंचायत सदस्य भास्कर पटेल, सरपंच एलन घृतलहरे, भाजपा मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र पटेल, एवं पूर्व जनपद सदस्य अभिलेश यादव उपस्थित रहे। उन्होंने भी बच्चों से लगनपूर्वक अध्ययन करने की अपील की।
श्री सोनवानी जी ने बच्चों को घर जाकर नियमित रूप से पाठ का पुनरावलोकन करने की सलाह दी।
नवप्रवेशियों का भव्य स्वागत
कार्यक्रम के दौरान नवप्रवेशी विद्यार्थियों का पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया—तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर और पुस्तकें वितरित करके उन्हें सम्मानित किया गया। साथ ही अच्छे अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को मोमेंटो भेंट कर उनकी उपलब्धियों को सराहा गया।
उपस्थिति एवं मंच संचालन
इस कार्यक्रम में बलराम पाटनवार, शाला विकास समिति अध्यक्ष तुषार चंद्राकर, हरिश्चंद्र श्रीवास, अर्जुन शर्मा, रिज बाई नवरंग, धर्मेंद्र राठौर, और बड़ी संख्या में पंचगण एवं पालकगण मंचासीन रहे।
मंच संचालन भारद्वाज सर ने कुशलतापूर्वक किया।
इस प्रकार, शाला प्रवेश उत्सव ने न केवल छात्रों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरी बल्कि उन्हें शिक्षा के प्रति और अधिक प्रेरित एवं संकल्पबद्ध किया। यह आयोजन आने वाले शैक्षणिक वर्ष में उत्साह, संकल्प और सहयोग की बुनियाद बनेगा।