8 फुट 2 इंच लंबे एशिया के सबसे ऊंचे व्यक्ति धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने लखनऊ एफएसडीए कार्यालय से सरसों तेल कोल्हू के लिए फूड लाइसेंस प्राप्त किया। जानिए उनकी दिलचस्प कहानी।
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
लखनऊ – शनिवार को लखनऊ के कलेक्ट्रेट परिसर में अचानक लोगों की नजरें एक असाधारण शख्स पर टिक गईं। दरअसल, परिसर में एक ऐसा व्यक्ति दाखिल हुआ जिसकी लंबाई देखकर हर कोई हैरान रह गया। यह शख्स कोई और नहीं, बल्कि एशिया के सबसे लंबे व्यक्ति धर्मेंद्र प्रताप सिंह थे, जो एफएसडीए (फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) कार्यालय में कोल्हू के लिए फूड लाइसेंस लेने आए थे।
जैसे ही उन्होंने भूतल पर मौजूद कर्मचारी से एफएसडीए का रास्ता पूछा और सीढ़ियों की ओर बढ़े, वैसे ही पूरे परिसर में खलबली मच गई। पहली मंजिल से लेकर दूसरी मंजिल तक हर कोई उन्हें देखता ही रह गया। कार्यालय के द्वार छोटे होने की वजह से उन्हें अंदर जाने में थोड़ी असुविधा भी हुई।
प्रतापगढ़ में खोलेंगे सरसों तेल कोल्हू
धर्मेंद्र प्रताप सिंह मूलतः उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के निवासी हैं और फिलहाल लखनऊ के पारा स्थित शुक्ला विहार में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे सरसों का तेल तैयार करने के लिए कोल्हू स्थापित कर रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने फूड लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। अब प्रक्रिया पूरी होने के बाद वे लाइसेंस प्राप्त करने एफएसडीए कार्यालय पहुंचे थे।
कर्मचारियों में दिखी उत्सुकता, ली गई सेल्फी
धर्मेंद्र को देखकर एफएसडीए कार्यालय में मौजूद मल्टी टास्किंग स्टाफ कुश कुमार सहित कई कर्मचारियों ने उनके साथ सेल्फी लेने की इच्छा जताई, जिसे उन्होंने खुशी-खुशी पूरा किया। उनकी ऊंचाई को देखकर लोग रोमांचित हो उठे।
लंबाई बनी पहचान, लेकिन चुनौती भी
बातचीत के दौरान धर्मेंद्र ने बताया, “मेरी लंबाई ही मेरी सबसे बड़ी पहचान है। हर कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र बन जाता हूं। लेकिन, यह मेरी सबसे बड़ी चुनौती भी है। कई बार काम और दैनिक जीवन में असुविधाएं होती हैं। इसी वजह से अब मैंने खुद का कारोबार शुरू करने का फैसला किया है।”
उल्लेखनीय है कि साल 2019 में उन्हें हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी भी करवानी पड़ी थी। उन्होंने यह भी बताया कि अत्यधिक लंबाई के चलते आज तक उन्हें जीवनसाथी नहीं मिल सका है।
रिकॉर्ड में दर्ज है नाम
धर्मेंद्र प्रताप सिंह की लंबाई 8 फुट 2 इंच है, जो उन्हें एशिया का सबसे लंबा व्यक्ति बनाती है। वर्ष 1983 में जन्मे धर्मेंद्र का नाम 2007 में गिनीज व लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था।
शुभकामनाएं और समर्थन
एफएसडीए के सहायक आयुक्त द्वितीय वीपी सिंह ने उन्हें फूड लाइसेंस जारी करते हुए नए व्यवसाय के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र जैसे प्रेरणास्रोत व्यक्तित्व से समाज को सकारात्मक संदेश मिलता है।