कानपुर के सचेंडी में एक दारोगा द्वारा दुकानदार को अगवा कर होटल में बंधक बनाकर 3 लाख की वसूली करने का मामला सामने आया है। जांच में आरोप सही पाए गए, अब आरोपी दारोगा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी हो रही है। पूरा मामला विस्तार से: जब वर्दी ही बन गई ख़ौफ़ का नाम
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के कानपुर से पुलिस की साख को झकझोर देने वाला एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। सचेंडी थाना क्षेत्र में एक दारोगा द्वारा एक दुकानदार को अगवा कर बंधक बनाने और फिर उससे जबरन पैसे वसूलने की घटना ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया है। खास बात यह है कि घटना की जांच के बाद आरोपों को पूरी तरह सही पाया गया है, जिससे पूरे पुलिस विभाग की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं।
2 जुलाई की शाम: जब अफसर बनकर आए ‘अपहरणकर्ता’
सिद्धपुर सीढ़ी इलाके के रहने वाले राम बहादुर रोज की तरह अपनी परचून की दुकान पर मौजूद थे। तभी एक कार वहां आकर रुकी। कार सवार लोगों ने खुद को मध्य प्रदेश क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए राम बहादुर को जबरन गाड़ी में बैठा लिया। यहीं से शुरू हुई एक आम दुकानदार की खौफनाक रात।
रास्ते में ही उन लोगों ने राम बहादुर को पीटना शुरू कर दिया और 5 लाख रुपये की मांग की। जब पीड़ित ने इतनी रकम देने में असमर्थता जताई, तो उसे किदवई नगर के एक होटल में ले जाकर बंधक बना लिया गया।
बंधक बनाकर रातभर पीटा, पत्नी ने बेचे जेवर
होटल के एक कमरे में राम बहादुर को रातभर बुरी तरह पीटा गया। इसके बाद उसकी पत्नी को फोन कर 3 लाख रुपये की डिमांड की गई। जान बचाने के लिए राम बहादुर की पत्नी ने जेवरात बेचकर और इधर-उधर से पैसे जुटाकर यह रकम किसी तरह आरोपियों तक पहुंचाई।
3 जुलाई को राम बहादुर को अटल घाट, गंगा बैराज और पनकी इलाके में घुमाने के बाद, साकेत नगर के पास आरोपियों ने 3 लाख रुपये लेकर उसे छोड़ दिया और मौके से फरार हो गए। गौर करने वाली बात यह है कि यह पूरी वारदात होटल के सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो गई है।
पीड़ित की शिकायत और जांच में सामने आया सच
घटना के बाद राम बहादुर ने 6 जुलाई को एडीसीपी वेस्ट से मिलकर पूरे मामले की शिकायत की। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए केस की जांच एसीपी पनकी को सौंपी गई। जांच के दौरान सभी आरोप सही पाए गए। होटल के सीसीटीवी फुटेज, पीड़ित के बयान और अन्य साक्ष्यों के आधार पर जांच में यह भी सामने आया कि इस घिनौनी वारदात में क्राइम ब्रांच के दारोगा प्रभास कुमार का नाम सामने आया है।
हॉफ एनकाउंटर की धमकी और पीड़ा की दास्तां
राम बहादुर ने बयान दिया कि दारोगा ने उसे बार-बार पीटा और यहां तक धमकी दी कि अगर पैसे नहीं मिले तो उसका ‘हॉफ एनकाउंटर’ कर दिया जाएगा। पीड़ित व्यापारी अब पुलिस प्रशासन से न्याय की मांग कर रहा है। परिवार का कहना है कि इस घटना ने उन्हें मानसिक और आर्थिक दोनों रूपों में तोड़ दिया है।
अब होगी कार्रवाई: पुलिस महकमे की साख दांव पर
जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद अब कानपुर पुलिस प्रशासन एक्शन मोड में है। वरिष्ठ अधिकारियों ने आरोपी दारोगा और उसके साथियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का भरोसा दिया है। यह घटना न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि आम जनता में पुलिस के प्रति अविश्वास की भावना को भी जन्म देती है।
भरोसे की वर्दी जब डर का कारण बन जाए…
यह मामला दर्शाता है कि जब कानून की रक्षा करने वाले ही अपराध में लिप्त हो जाएं, तो न्याय की उम्मीद कहां से की जाए? कानपुर के इस प्रकरण ने पुलिस की उस छवि को गहरा आघात पहुंचाया है, जो समाज में सुरक्षा और भरोसे का प्रतीक मानी जाती थी। अब देखना होगा कि आरोपी दारोगा के खिलाफ कितनी कड़ी कार्रवाई होती है और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाएगा।