कानपुर के घाटमपुर में चौंकाने वाला मामला – मृत घोषित युवक खुद थाने पहुंचा और बोला “मैं जिंदा हूं।” पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम रोका, अब लावारिस शव की असली पहचान की जा रही है।
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
कानपुर/घाटमपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में घाटमपुर थाना क्षेत्र से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। एक युवक जिसे पुलिस ने मृत मानकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था, वह अचानक जिंदा थाने पहुंच गया और अधिकारियों से बोला – “साहब, मैं जिंदा हूं, मेरा पोस्टमॉर्टम रुकवाइए!” इस अप्रत्याशित मोड़ ने पुलिस समेत सभी को सकते में डाल दिया।
▶ कैसे हुई ये चूक?
घटना गुरुवार दोपहर की है। घाटमपुर के मुख्य चौराहे के पास एक अज्ञात युवक का शव पड़ा मिला था। उसकी पहचान नहीं हो सकी, इसलिए पुलिस ने शव की तस्वीरें स्थानीय वाट्सएप ग्रुप्स में भेजीं। इसी बीच ईदुरुख गांव की एक महिला सुमन ने तस्वीर देखकर उसे अपने भाई अजय शंखवार के रूप में पहचान लिया।
सुमन ने दावा किया कि मृतक ने लाल शर्ट और काली पैंट पहन रखी थी, जो अजय के कपड़ों से मेल खाती थी। चेहरा भी मिलते-जुलते होने के कारण पुलिस ने बिना देर किए पंचनामा की कार्यवाही कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
▶ लेकिन अगले दिन हुआ बड़ा खुलासा!
शुक्रवार को सभी को तब हैरानी हुई जब अजय शंखवार खुद घाटमपुर थाने पहुंच गया। उसने पुलिस को बताया कि वह भीतरगांव कस्बे में एक ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता है। उसके पास मोबाइल नहीं है और वह कभी-कभार किसी और के फोन से परिजनों से संपर्क करता है।
पुलिस जब भट्ठे पर उसकी तलाश में पहुंची, तभी अजय को इस पूरी घटना का पता चला और उसने तुरंत थाने जाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
▶ पुलिस ने रोका पोस्टमॉर्टम, अब फिर से पहचान की कवायद
अजय के जिंदा होने की पुष्टि होते ही घाटमपुर पुलिस ने पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया को तत्काल रोक दिया। एसीपी घाटमपुर कृष्णकांत यादव ने बताया कि यह शव की पहचान में मानवीय चूक का मामला है। अब पुलिस दोबारा शव की शिनाख्त कराने की कोशिश कर रही है।
अजय के घर लौटने की खबर मिलते ही उसके परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। वहीं, स्थानीय लोगों में यह मामला चर्चा का केंद्र बन गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि शव किसका है और उसकी मृत्यु कैसे हुई।