भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने जातीय जनगणना पर सवाल उठाते हुए इसे विवादों की जड़ बताया है। जानिए विमान दुर्घटना पर पवन खेड़ा के बयान पर उनकी प्रतिक्रिया।
नौशाद अली की रिपोर्ट
गोंडा,उत्तर प्रदेश। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने जातीय जनगणना को लेकर एक बड़ा बयान देकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह प्रक्रिया नए-नए विवाद और सामाजिक असंतुलन को जन्म दे रही है, जिससे न केवल सरकार बल्कि पूरा समाज नई चुनौतियों से जूझ सकता है।
जातीय जनगणना से उठते सवाल
गोंडा जिले में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बृजभूषण सिंह ने जातिगत जनगणना पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि,
“इस प्रक्रिया से अनेक विवाद उत्पन्न हो रहे हैं। कर्नाटक सरकार ने 90 दिनों के भीतर जातीय जनगणना की घोषणा की है, लेकिन इसके नतीजे व्यापक सामाजिक उथल-पुथल ला सकते हैं।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि एक ही जाति कुर्मी समाज को अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न सामाजिक श्रेणियों में रखा गया है। उत्तर प्रदेश में यह पिछड़ी जाति मानी जाती है, जबकि गुजरात में सामान्य वर्ग और ओडिशा व बंगाल में एससी-एसटी का दर्जा मांगा जा रहा है।
“भगवान कृष्ण भी यदुवंशी थे, अब किस वर्ग में आएंगे?”
बृजभूषण सिंह ने कहा,
“भगवान श्रीकृष्ण द्वापर युग में यदुवंशी के रूप में जन्मे थे। अब यदि यदुवंशी पिछड़े वर्ग में आते हैं तो भगवान विष्णु के वंशज किस श्रेणी में रखे जाएंगे? यह ऐतिहासिक नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से जटिल प्रश्न है।”
उनके अनुसार, जातीय जनगणना जातियों में जातियों को तोड़ने का माध्यम बन रही है। इससे “नए-नए विषय और झगड़े पैदा होंगे।”
पवन खेड़ा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया
वहीं, अहमदाबाद विमान दुर्घटना को लेकर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा द्वारा दिए गए बयान पर बृजभूषण सिंह ने संयमित किन्तु तीखी प्रतिक्रिया दी।
पवन खेड़ा ने कहा था कि यह घटना “ईश्वरीय कृत्य नहीं” बल्कि “सुरक्षा में चूक” का परिणाम है और सरकार को जवाबदेही लेनी चाहिए।
इस पर बृजभूषण ने कहा,
“यह बहुत बड़ी और दुखद घटना है, लेकिन यह दुनिया की पहली विमान दुर्घटना नहीं है। पवन खेड़ा इस पर क्या सोच रखते हैं, वह खुद जानें।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार ने सुरक्षा के तमाम उपाय किए हैं और जांच की प्रक्रिया चल रही है।
बृजभूषण शरण सिंह के ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब जातीय जनगणना को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है। विपक्ष इसके समर्थन में है, जबकि कई भाजपा नेता इससे सामाजिक विघटन की आशंका जता रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में यह मुद्दा राजनीतिक विमर्श का केंद्र बना रह सकता है।