बांदा के बबेरू में पारिवारिक कलह के चलते महिला की आत्महत्या और उसकी पांच बेटियों के घर छोड़ने की घटना ने सबको झकझोर दिया। पुलिस की तत्परता से सभी बच्चियां महाराष्ट्र के भुसावल स्टेशन से सुरक्षित बरामद कर ली गईं।
सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद के बबेरू कोतवाली क्षेत्र के सातर गांव में पारिवारिक कलह ने एक दर्दनाक मोड़ ले लिया। घरेलू विवाद से आहत एक महिला ने आत्महत्या कर ली और उसकी मौत के सदमे में आकर उसकी पांच बेटियां घर छोड़कर चली गईं। हालांकि, राहत की बात यह रही कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई और महाराष्ट्र पुलिस की मदद से सभी बेटियों को भुसावल रेलवे स्टेशन से सकुशल बरामद कर लिया गया है।
पारिवारिक विवाद बना आत्महत्या और पलायन की वजह
मृतका की पहचान गुड़िया देवी के रूप में हुई है, जिनका पति रामराज मौर्य 13 जून को ही सूरत से मजदूरी कर घर लौटा था। उसी दिन पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ, जो 15 जून को इस कदर बढ़ गया कि गुड़िया देवी ने आत्मघाती कदम उठा लिया। उन्होंने खेत में जाकर सल्फास खाकर जान दे दी।
इस घटना के बाद जैसे ही गांव में महिला की लाश मिली, ग्रामीणों ने परिजनों को सूचना दी। मौके पर पहुंचे पति और अन्य परिजनों ने पुलिस को सूचित किया। बबेरू पुलिस तत्काल फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
मां की मौत से टूट गईं बेटियां, घर छोड़कर चली गईं
इसी बीच गुड़िया देवी की मौत से मानसिक रूप से टूट चुकीं उनकी पांच बेटियां – कोमल, काजल, पूजा, विक्षा और छोटी – बिना किसी को बताए घर से निकल गईं। यह खबर मिलते ही पुलिस हरकत में आई और बेटियों की तलाश के लिए तीन टीमें गठित की गईं।
तलाश में तकनीक और तत्परता का सहारा
बबेरू कोतवाली पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, रेलवे स्टेशनों, नदियों, खेतों और नालों तक में खोजबीन की। अंततः पुलिस को महाराष्ट्र के भुसावल रेलवे स्टेशन पर बेटियों के होने की जानकारी मिली।
महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से 15 जून को सभी बच्चियों को सुरक्षित बरामद कर लिया गया। फिलहाल, बबेरू पुलिस की टीम उन्हें वापस लाने के लिए रवाना हो चुकी है।
अधिकारी बोले: हर हाल में बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता
घटना पर पुलिस क्षेत्राधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि जैसे ही मामले की जानकारी मिली, तुरंत एक्शन लिया गया। महिला की आत्महत्या के बाद बेटियों की तलाश के लिए हर संभव प्रयास किए गए और आखिरकार सफलता भी मिली।
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के मामलों में संवेदनशीलता के साथ काम करना आवश्यक होता है, जिससे किसी भी तरह की दूसरी अनहोनी को टाला जा सके।