चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में तपती गर्मी और लू से परेशान लोगों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, 15 जून से वर्षा गतिविधियों में तेज़ी आएगी और 20 जून तक मानसून के प्रवेश की संभावना है। जानें कौन-कौन से ज़िले होंगे सबसे पहले प्रभावित।
उत्तर भारत के विशाल भूभाग में फैले उत्तर प्रदेश में, जहां बीते कुछ दिनों से तापमान ने जैसे आसमान छूने की ठान ली थी, वहीं अब मौसम के मिज़ाज में धीरे-धीरे बदलाव आने लगा है। राहत की इस उम्मीद को भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की नई रिपोर्ट से बल मिला है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि 15 जून से प्रदेश में वर्षा गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होगी, जो 20 जून तक मानसून की आमद का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
तपिश से राहत का संकेत, बदल रहा है मौसम का रुख
झुलसा देने वाली गर्म हवाएं और तपती दोपहरें अब बीते दिनों की बात बन सकती हैं। मौसम विभाग के अनुसार, 17 जून से पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में अच्छी वर्षा की संभावना है, जबकि पश्चिमी हिस्सों में 19 जून से बारिश के आसार हैं। विशेष रूप से लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, फैजाबाद जैसे इलाकों में पहले चरण में बारिश का आगमन होने की संभावना जताई गई है। वहीं मेरठ, मुरादाबाद, आगरा, नोएडा जैसे पश्चिमी जिले बाद में इसकी चपेट में आएंगे।
इस बदलाव के पीछे मध्य क्षोभमंडल में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और राजस्थान से मराठवाड़ा तक फैली हुई द्रोणी (ट्रफ लाइन) को प्रमुख कारक बताया गया है। इसके साथ ही अरब सागर से आ रही नमी भरी हवाएं और पूर्वी दिशा से चल रही पुरवा हवाएं भी इस परिवर्तन को गति दे रही हैं।
तापमान में गिरावट, लेकिन उमस अभी बरकरार
13 जून तक के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि आगरा और मैनपुरी को छोड़ प्रदेश के अधिकांश जिलों में लू की स्थिति में कमी आई है। हालांकि, उच्च आर्द्रता और ऊँचे न्यूनतम तापमान के कारण प्रदेश के अधिकांश मैदानी इलाकों में हीट इंडेक्स अभी भी काफी अधिक बना हुआ है। यह वह तापमान होता है जिसे शरीर वास्तव में महसूस करता है — और यह हवा में नमी और वास्तविक तापमान के मिश्रण से बनता है।
इस स्थिति में थोड़ी राहत अवश्य मिलेगी, लेकिन उमस भरी गर्मी अगले कुछ दिन बनी रह सकती है। विशेष रूप से शनिवार को कुछ इलाकों में फिर से हीटवेव जैसी परिस्थितियों के उभरने की चेतावनी दी गई है।
‘प्री-मानसून ट्रांजिशन’ में प्रवेश: तेज़ हवाओं और बिजली गिरने की चेतावनी
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदेश अब ‘प्री-मानसून ट्रांजिशन’ के दौर में प्रवेश कर चुका है, जो अस्थिर मौसम की स्थिति को दर्शाता है। इस दौरान तेज़ हवाएं, बिजली गिरना, अचानक बारिश, यहां तक कि स्थानीय स्तर पर बादल फटने जैसी घटनाएं भी आम हो सकती हैं।
16 जून को प्रदेश के दोनों हिस्सों में गरज-चमक के साथ 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। बिजली गिरने और तूफानी बौछारों की भी संभावना जताई गई है।
किसानों के लिए शुभ संकेत: खरीफ फसलों की बुवाई की तैयारी शुरू
वर्षा गतिविधियों की यह शुरुआत न सिर्फ आम जनमानस के लिए राहत लाने वाली है, बल्कि कृषकों के लिए भी यह एक सकारात्मक संकेत है। मानसून पूर्व वर्षा से खरीफ फसलों की बुवाई का कार्य प्रारंभ किया जा सकता है। हालांकि, मानसून की औपचारिक घोषणा अब तक नहीं हुई है, पर यदि वर्षा की यह प्रवृत्ति इसी प्रकार बनी रही तो जून के अंतिम सप्ताह तक सक्रिय मानसून प्रदेश में प्रवेश कर सकता है।
अगले 5 दिनों में इन जिलों में भारी बारिश की संभावना
गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अयोध्या, देवरिया, गोरखपुर, बस्ती, मिर्जापुर, वाराणसी, आजमगढ़, बलिया, सोनभद्र, प्रयागराज, जौनपुर, गाजीपुर, कुशीनगर और आसपास के जिलों में तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश और वज्रपात की आशंका जताई गई है। यहां पांच दिनों तक यह सिलसिला जारी रह सकता है।
आगरा फिर बना प्रदेश का सबसे गर्म शहर
जहां एक ओर राहत की फुहारें दस्तक देने को तैयार हैं, वहीं शुक्रवार को आगरा 45.0 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ प्रदेश का सबसे गर्म जिला बना रहा। झांसी, बांदा, प्रयागराज, वाराणसी और लखनऊ जैसे शहरों में भी भीषण गर्मी से लोग बेहाल रहे।
स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए यह सावधानियां ज़रूरी
मौसम विभाग और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो इस संक्रमण काल में विशेष सावधानी की आवश्यकता है:
- दोपहर 12 से शाम 4 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचें।
- शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स लेते रहें।
- ढीले और हल्के कपड़े पहनें, ताकि शरीर का तापमान संतुलित रहे।
- बुजुर्गों और बच्चों को विशेष ध्यान में रखें, क्योंकि वे हीट इंडेक्स के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
- तेज़ हवा, बिजली गिरने और आंधी के समय खुले स्थानों से दूर रहें।
उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए यह एक आशाजनक खबर है कि जहां अब तक लू और उमस ने उन्हें बेहाल किया हुआ था, वहीं आने वाले कुछ दिनों में वर्षा की दस्तक उन्हें ठंडक पहुंचाएगी। यदि मौसम विभाग की भविष्यवाणियाँ सही साबित होती हैं, तो 20 जून के आसपास प्रदेश में सक्रिय मानसून भी दस्तक दे देगा, जिससे खेती-बाड़ी के साथ-साथ जनजीवन को व्यापक राहत मिलेगी।