बलरामपुर: तटबंध में 2.4 मीटर गैप से बाढ़ का खतरा, 20 गांवों की 20 हजार आबादी होती है प्रभावित

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 बलरामपुर जिले के महरी गांव के पास तटबंध में 2.4 मीटर का गैप होने से 20 गांवों की 20 हजार आबादी हर साल राप्ती नदी की बाढ़ से प्रभावित होती है। यदि समय रहते मरम्मत नहीं हुई, तो किसानों की जमीन और फसलें फिर बर्बाद होंगी। प्रशासन ने जल्द समाधान का आश्वासन दिया है।

बलरामपुर जिले के महरी गांव के पास स्थित तटबंध में 2.4 मीटर का गैप बाढ़ के खतरे को बढ़ा रहा है। हर साल राप्ती नदी की बाढ़ से 20 गांवों की 20 हजार से अधिक आबादी प्रभावित होती है।

ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण समय रहते तटबंध की मरम्मत नहीं की जाती। यदि इस बार भी बरसात से पहले तटबंध की मरम्मत नहीं हुई, तो लोगों को फिर से बाढ़ और कटान का संकट झेलना पड़ेगा।

बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित गांव

महरी गांव ; तुलसीपुर तहसील के इन 20 गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए भोजपुर-शाहपुर तटबंध का निर्माण किया गया था। यह तटबंध सिद्धार्थनगर जिले तक फैला हुआ है और आसपास के गांवों को बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करता है।

हालांकि, महरी गांव के पास 2.4 मीटर का गैप होने के कारण थरूनिया, कठेर, देवलहा, गोपालपुर, वीरपुर, जुड़ी कुइंया, पिपरा, भगोसर, शेखा, नरायनपुर, मझारी, नौबस्ता, महरी, हैदरगंज, वजीरगंज और गैंजहवा सहित 20 से अधिक गांवों पर हर वर्ष बाढ़ का खतरा मंडराता है।

किसानों की जमीनें बर्बाद, फसल उत्पादन प्रभावित

गैंजहवा गांव के निवासी अशोक कुमार का कहना है कि राप्ती नदी की कटान से क्षेत्र के 20 से अधिक किसानों की 100 बीघे से अधिक कृषि भूमि नदी में समा चुकी है। इसके चलते न सिर्फ किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि उनके खेतों में बालू भर जाने से फसल उत्पादन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

महरी गांव के निवासी बताते हैं कि उनकी 10 बीघे जमीन राप्ती नदी निगल चुकी है। इसी तरह,

केशवराम की 10 बीघे, वासुदेव की 5 बीघे, अशोक कुमार की 10 बीघे, राम अभिलाख की 5 बीघे, चैतराम की 8 बीघे, बजरंगी की 9 बीघे, रामदेव की 5 बीघे कीमती कृषि भूमि नदी में समा चुकी है। किसानों का कहना है कि उन्हें अभी तक सरकार से किसी प्रकार का मुआवजा भी नहीं मिला है, जिससे वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।

प्रशासन ने दिया आश्वासन, जल्द होगा समाधान

इस समस्या को लेकर अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड, संजय कुमार ने कहा कि महरी गांव के पास तटबंध में गैप भरने और कटानरोधी कार्य कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। बजट स्वीकृत होते ही मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द तटबंध की मरम्मत और कटानरोधी कार्य पूरा कराए, ताकि बरसात के मौसम में बाढ़ से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। समय पर कार्रवाई नहीं होने पर हजारों लोगों को बाढ़ और कटान की मार झेलनी पड़ेगी। अब देखना यह होगा कि शासन कितनी जल्दी इस समस्या का समाधान निकालता है।

➡️अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

samachardarpan24
Author: samachardarpan24

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