बलरामपुर डीएम पवन अग्रवाल ने IGRS पोर्टल पर शिकायतों के लचर निस्तारण को गंभीरता से लेते हुए 15 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। जानें कौन-कौन हैं शामिल और क्या है पूरा मामला।
नौशाद अली की रिपोर्ट
बलरामपुर जिले में सरकारी शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही अब अधिकारियों पर भारी पड़ने लगी है। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने IGRS पोर्टल (Integrated Grievance Redressal System) पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा के दौरान जब यह पाया कि कई अधिकारी केवल औपचारिकता निभा रहे हैं, तो उन्होंने 15 लापरवाह अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
लगातार चेतावनी के बावजूद नहीं सुधरा रवैया
डीएम पवन अग्रवाल लगातार आईजीआरएस पोर्टल की शिकायतों का निरीक्षण कर रहे थे और अधिकारियों को समय-समय पर गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण के निर्देश भी दे रहे थे। इसके बावजूद अप्रैल माह की मूल्यांकन रिपोर्ट में यह सामने आया कि कुछ अधिकारी शिकायतों को महज सरसरी नजर से देखकर निपटा रहे हैं, जिससे शिकायतकर्ताओं को संतुष्ट जवाब नहीं मिल पा रहा।
डीएम की सख्ती से मचा हड़कंप
डीएम ने इस रवैये को “अत्यंत गंभीर” माना और तुरंत कार्रवाई करते हुए 15 अधिकारियों को नोटिस जारी किया। इन अधिकारियों को तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है। इस कार्रवाई से जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों में हड़कंप मच गया है।
किन अधिकारियों को जारी हुआ नोटिस?
कारण बताओ नोटिस जिन अधिकारियों को भेजा गया है, उनमें शामिल हैं
अधिशासी अभियंता, विद्युत बलरामपुर, उप जिलाधिकारी, तुलसीपुर, अधिशासी अभियंता, सरयू नहर खंड-3 बलरामपुर, उप जिलाधिकारी, उतरौला, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद बलरामपुर, बाल विकास परियोजना अधिकारी, रेहरा बाजार, तहसीलदार, तुलसीपुर, बाल विकास परियोजना अधिकारी, हरैया सतघरवा, बाल विकास परियोजना अधिकारी, गैसड़ी, अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत गैसड़ी, प्रभारी चिकित्साधिकारी अधीक्षक, पीएचसीसीएचसी उतरौला, उप जिलाधिकारी, बलरामपुर, बाल विकास परियोजना अधिकारी, श्रीदत्तगंज, अधिशासी अभियंता (यांत्रिकी), बलरामपुर, अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत पालिका पचपेड़वा
शिकायतकर्ताओं से संवाद की अनदेखी भी आई सामने
गौरतलब है कि डीएम द्वारा नियमित बैठकें कर अधिकारियों को निर्देशित किया जा रहा था कि वे शिकायतकर्ताओं से सीधे संवाद करें और उनकी समस्याओं का गुणवत्ता के साथ समाधान करें। इसके बावजूद रिपोर्ट में यह पाया गया कि संवाद प्रक्रिया की भी अनदेखी की गई है।
जवाबदेही तय करने की दिशा में कदम
यह कार्रवाई स्पष्ट संकेत देती है कि बलरामपुर प्रशासन अब लापरवाही को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। शिकायत निस्तारण जैसी संवेदनशील प्रक्रिया में अधिकारियों की जवाबदेही तय करना जरूरी हो गया है, और डीएम की यह पहल उसी दिशा में एक कड़ा कदम है।