चित्रकूट जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जहां 2 करोड़ की बीमा राशि पाने के लिए एक व्यक्ति ने पत्नी के साथ मिलकर अपनी झूठी मौत का नाटक रचा और एक निर्दोष शराबी युवक को जिंदा जलाकर मार डाला। पढ़ें पूरी कहानी साजिश के पर्दाफाश की।
राधेश्याम प्रजापति की रिपोर्ट
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद से एक ऐसा सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है जिसने पुलिस महकमे से लेकर आम जनता तक को स्तब्ध कर दिया है। यह कोई सामान्य आपराधिक वारदात नहीं, बल्कि इंसानियत को शर्मसार करने वाली वह योजना है, जिसमें एक व्यक्ति ने अपनी ही ‘मौत’ का नाटक रचते हुए, एक निर्दोष को मौत के घाट उतार दिया — सिर्फ इसलिए कि उसे 2 करोड़ रुपये की बीमा राशि मिल सके।
🔥 जलती कार में मिला अधजला शव, पुलिस को Initially हादसा लगा
30 जून की सुबह, राजापुर थाना क्षेत्र के ग्राम सिकरी अमान के पास से गुजर रहे राहगीरों ने एक जलती हुई कार देखी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस को कार के भीतर एक अधजला शव मिला। कार (ऑल्टो K10, नंबर MP19 CB 3053) पूरी तरह जल चुकी थी। प्रारंभिक जांच में मामला एक भीषण हादसे का लगा और मृतक की पहचान सुनील सिंह के रूप में की गई, जिसकी पुष्टि उसकी पत्नी हेमा सिंह ने की।
🔍लेकिन मामला यहीं तक सीमित नहीं रहा…
पुलिस को यह मामला शुरू से ही संदिग्ध लगा। खासकर तब, जब जांच में सामने आया कि सुनील की आखिरी मोबाइल लोकेशन और कॉल रात 11:20 बजे तक एक्टिव थी और उसके बाद अचानक फोन स्विच ऑफ हो गया। संदेह गहराया तो पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने तत्काल विशेष टीम गठित कर एसओजी प्रभारी एमपी त्रिपाठी और थानाध्यक्ष प्रवीण सिंह को जांच सौंप दी।
🕵️♂️ और फिर हुआ साजिश का बड़ा पर्दाफाश
मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने 7 जुलाई की रात, आनंदपुर रगौली क्षेत्र में छिपे हुए सुनील सिंह को जिंदा गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उसने न सिर्फ अपनी झूठी मौत की साजिश कबूल की, बल्कि यह भी बताया कि इस पूरे षड्यंत्र में उसकी पत्नी हेमा सिंह भी बराबर की भागीदार थी।
💰 कर्ज और बदनामी से परेशान था आरोपी
पूछताछ में सुनील ने बताया कि वह भारी कर्ज में डूबा था और सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर भी दबाव में था। बीमा कंपनी से 2 करोड़ की रकम हासिल करने के लिए उसने अपनी मौत का नाटक रचने की खौफनाक योजना बनाई।
🎯 कैसे चुना गया ‘कठपुतली’ विनय चौहान
योजना के अनुसार, वह रीवा जिले में शराब की दुकान पर विनय चौहान नामक एक नशेड़ी युवक से मिला, जिसकी शारीरिक बनावट उससे काफी मिलती थी। चूंकि विनय का कोई करीबी रिश्तेदार नहीं था, इसलिए उसे निशाना बनाना आसान था। सुनील ने विनय को शराब पिलाई, थोड़े पैसे दिए और उसे कार में बैठाकर सुनसान इलाके में ले गया।
💣 सुनसान जगह पर ‘प्री-प्लान्ड मर्डर’
कार में पहले से गैस सिलेंडर, हार्वेस्टर का टायर, बॉडी स्प्रे और कपूर रखा गया था। मौके पर पहुंचते ही उसने विनय को बेहोश किया और कपूर डालकर कार सहित उसे जिंदा जला दिया। फिर वहां से फरार हो गया।
🧬 डीएनए जांच से पहले ही हुआ खुलासा
हालांकि पुलिस ने शव का डीएनए नमूना परीक्षण के लिए भेजा था, लेकिन उससे पहले ही सुनील की गिरफ्तारी और पूछताछ ने पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश कर दिया। पत्नी हेमा सिंह ने भी पूछताछ में साजिश में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली।
चित्रकूट की यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनी, बल्कि समाज को भी एक अहम सवाल देती है — क्या आर्थिक संकट और सामाजिक दबाव किसी इंसान को इस हद तक गिरा सकता है कि वह दूसरे की जान लेकर अपनी ‘मौत’ का नाटक करे?
➡️ पुलिस अब हत्या, साजिश, साक्ष्य छिपाने और धोखाधड़ी की धाराओं में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। बीमा कंपनी भी पूरे मामले की जांच कर रही है।
यदि आप ऐसी ही और विश्लेषणात्मक रिपोर्टें पढ़ना चाहते हैं, तो हमें फॉलो करें।