बरेली में एक मदरसे में हाफिज बनने की तालीम ले रहा नबी हसन एक खौफनाक जुर्म की साजिश में गिरफ्तार हुआ। अश्लील वीडियो, नाबालिग के साथ कुकर्म, धार्मिक कट्टरता और सोशल मीडिया पर उकसावे की पोस्ट से जुड़ी यह कहानी आपको अंदर तक झकझोर देगी। पढ़िए पूरी डिटेल।
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
एक मासूम चेहरा, पर दिमाग में गंदगी की फैक्ट्री
बरेली का पिपरथरा गांव, जहां नबी हसन का जन्म हुआ। एक गरीब परिवार का लड़का, जो हाफिज बनने का सपना लिए गुलशन-ए-मुस्तफा मदरसे में पढ़ाई कर रहा था। मगर, उसके इरादे कुछ और ही थे। यह कोई मामूली छात्र नहीं, बल्कि एक ऐसा अपराधी निकला जिसकी सोच, उम्र से कहीं ज्यादा खतरनाक थी।
पहली कड़ी: एक इंस्टाग्राम अकाउंट और हैरान कर देने वाली पोस्ट
24 जून को बरेली पुलिस को एक चौंकाने वाली सूचना मिली। “हैदरी दल-25” नाम के इंस्टाग्राम ग्रुप से लगातार अश्लील और भड़काऊ कंटेंट शेयर किया जा रहा था। तफ्तीश शुरू हुई तो एक मोबाइल नंबर तक पुलिस पहुंची—नाम था मोहम्मद जीशान।
जीशान से पूछताछ हुई, तो साजिश की परतें खुलने लगीं। उसने बताया कि उसका मोबाइल नंबर नबी हसन ने धोखे से इस्तेमाल किया और इंस्टाग्राम पर ग्रुप बना लिया।
दूसरी कड़ी: मदरसे से गायब, फिर साठा पुलिया पर गिरफ्तारी
जब पुलिस ने नबी हसन की तलाश शुरू की, तो वह मदरसे से फरार निकला। मगर मुखबिरों की मदद से बीसलपुर रोड के साठा पुलिया के पास बने धर्मकांटे से उसे पकड़ लिया गया। नबी भागने की तैयारी में था, लेकिन वक्त रहते पुलिस ने उसे दबोच लिया।
तीसरी कड़ी: मोबाइल से निकला नर्क का दरवाज़ा
नबी के मोबाइल की जांच होते ही पुलिस भी सकते में आ गई। उसमें 40 से ज्यादा अश्लील वीडियो मिले। कुछ वीडियो तो उसने खुद बनाए थे—और वह भी एक 13-14 साल के मदरसा छात्र के साथ।
चौथी कड़ी: ब्लैकमेलिंग और कुकर्म की दास्तान
जब पुलिस उस नाबालिग छात्र तक पहुंची, तो पहले वह घबराया। लेकिन भरोसा मिलने पर उसने बताया कि नबी हसन उसे धमकाकर अपने साथ गलत काम करता रहा। उसने उसे कई बार घर भी ले जाकर हैवानियत की सारी हदें पार कीं। वीडियो दिखाकर चुप रहने की धमकी भी देता रहा।
पांचवीं कड़ी: ‘हैदरी दल-25’ की असली मंशा
जांच में पता चला कि नबी हसन इस इंस्टाग्राम ग्रुप पर सिर्फ अश्लील कंटेंट नहीं, बल्कि धार्मिक कट्टरता और हिंसा फैलाने वाली पोस्ट भी शेयर करता था। वह लड़कियों के चुपके से वीडियो बनाता, एडिट करता और फिर सोशल मीडिया पर पोस्ट करता। उसका मकसद था—अपने समुदाय के युवाओं में “हीरो” बनना और उन्हें ब्रेनवॉश करना।
छठी कड़ी: मासूम सी दिखती शुरुआत, खतरनाक अंजाम
नबी हसन का जन्म 2005 में हुआ। गांव में मजदूर पिता और गृहिणी मां के बेटे को बचपन से धार्मिक शिक्षा की ओर मोड़ा गया। मगर वह एक महिला के संपर्क में आया, जो सोशल मीडिया पर धार्मिक उन्माद फैलाती थी। वहीं से उसने यह जहरीला रास्ता अपनाया।
सातवीं कड़ी: अब कानून का शिकंजा
पुलिस ने नबी हसन के खिलाफ पॉक्सो एक्ट, आईटी एक्ट, और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। नाबालिग छात्र के बयान पर उसके परिजनों ने भी केस दर्ज कराया। साथ ही, मदरसे के इमाम को भी हिरासत में लिया गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस घिनौने कांड की जानकारी वहां पहले से तो नहीं थी।
बरेली का यह मामला सिर्फ अश्लीलता और ब्लैकमेलिंग की कहानी नहीं, बल्कि यह उस सोच का उदाहरण है जहां धर्म की आड़ में कट्टरता, अपराध और नैतिक पतन छुपा होता है।
अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे, तो ऐसे चेहरों को पहचानिए, उनकी हरकतों पर नजर रखिए—क्योंकि कई बार सबसे खौफनाक अपराधी, सबसे मासूम चेहरे के पीछे छिपा होता है।