एनटीपीसी सीपत में दिनांक 05 जुलाई 2025 को भगवान जगन्नाथ की बहुदा यात्रा श्रद्धा, उल्लास और धार्मिक वातावरण में निकाली गई। नगरवासियों, अधिकारियों व विशिष्ट अतिथियों की भागीदारी ने इसे एक भव्य आयोजन बना दिया।
हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले स्थित एनटीपीसी सीपत परिसर में दिनांक 05 जुलाई 2025 को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की बहुदा यात्रा अत्यंत श्रद्धा व भक्ति भाव से सम्पन्न हुई। यह यात्रा प्रतिवर्ष रथ यात्रा के नौ दिन बाद मनाई जाती है, जिसमें भगवान को गुंडिचा मंदिर से वापस श्रीमंदिर (जगन्नाथ मंदिर) लाया जाता है। यही बहुदा यात्रा कहलाती है।
कार्यक्रम की भव्य शुरुआत
सुबह की आरंभिक बेला में, कार्यक्रम की शुरुआत भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना एवं हवन से हुई। इसके पश्चात भगवान को भव्य रूप से सजाए गए रथ पर विराजमान किया गया। रथ यात्रा उज्ज्वल नगर परिसर के चारों ओर निकाली गई, जिसमें नगरवासी उमंग और उल्लास से भरपूर होकर सहभागी बने।
श्रद्धा और उत्साह का संगम
पूरे मार्ग में भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। श्रद्धालु जन भगवान के रथ को रस्सियों से खींचते हुए “जय जगन्नाथ” और “हरि बोल” के जयघोष से वातावरण को भक्तिमय बना रहे थे। यह दृश्य भगवान के प्रति गहरी आस्था और समर्पण का प्रतीक था। सैकड़ों की संख्या में एकत्र जनसमूह इस आयोजन को एक सामूहिक आस्था पर्व में परिवर्तित कर रहा था।
विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस पावन अवसर पर परियोजना प्रमुख विजय कृष्ण पांडे एवं संगवारी महिला समिति की अध्यक्षा श्रीमती साधना पांडे ने विधिवत पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इनके साथ साथ कठघोरा के माननीय विधायक श्री प्रेमचंद पटेल ने भी विशेष रूप से उपस्थित होकर भक्तों का उत्साहवर्धन किया।
संगठनात्मक सहभागिता
इस धार्मिक यात्रा में श्री अनिल शंकर शरण (मुख्य महाप्रबंधक, प्रचालन व अनुरक्षण), श्री स्वपन कुमार मंडल (मुख्य महाप्रबंधक, परियोजना), अन्य महाप्रबंधकगण, अनुभागाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, यूनियन एवं एसोसिएशन के प्रतिनिधिगण, संगवारी महिला समिति की सदस्याएं, एसोसिएट एजेंसी के प्रतिनिधि, तथा बड़ी संख्या में उज्ज्वल नगरवासी सम्मिलित हुए।
संध्या आरती और प्रसाद वितरण
यात्रा के उपरांत श्रीमंदिर में भगवान को पुनः स्थापित किया गया। इसके पश्चात संध्या आरती का आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित सभी श्रद्धालु भगवान के दिव्य स्वरूप का दर्शन कर भावविभोर हो उठे। आरती उपरांत प्रसाद वितरण कर कार्यक्रम का समापन हुआ।
यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बना, बल्कि सामाजिक समरसता और सामूहिक सहभागिता का भी उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। भगवान जगन्नाथ का यह उत्सव निश्चित रूप से एनटीपीसी सीपत के सांस्कृतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में दर्ज किया जाएगा।