लखनऊ के लूलू मॉल में महिला कर्मचारी से रेप, धर्म परिवर्तन के लिए दबाव और ब्लैकमेलिंग का मामला सामने आया है। आरोपी फरहाज गिरफ्तार, पुलिस जांच मॉल के अंदरूनी नेटवर्क की ओर बढ़ी।
संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम एक बार फिर शर्मसार हुआ है। देशभर में मशहूर लूलू मॉल से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला कर्मचारी ने अपने सीनियर मैनेजर पर बलात्कार, मानसिक उत्पीड़न, धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने और ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मॉल के अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ जारी है।
🔴 पीड़िता का आरोप: विरोध करने पर सिगरेट से जलाया, वीडियो लीक की धमकी दी
पीड़िता ने जो बयान दर्ज कराया है, वह बेहद डरावना और स्तब्ध करने वाला है। उसने बताया कि एक रात उसे नशे की हालत में जबरन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया। जब उसने विरोध किया, तो आरोपी फराज ने उसे जलती हुई सिगरेट से दाग दिया और जमकर मारपीट की।
इसके बाद आरोपी ने धमकी दी – “अगर किसी को कुछ बताया तो तेरे वीडियो लीक कर दूंगा, कहीं की नहीं रहेगी!” इतना ही नहीं, आरोपी ने बार-बार उसे इस्लाम कबूल करने का दबाव भी बनाया और उसकी धार्मिक आस्था का मजाक उड़ाया।
🔒 आरोपी गिरफ्तार, पुलिस की गंभीर धाराओं में एफआईआर
लखनऊ दक्षिणी जोन कमिश्नरेट के अनुसार, 27 वर्षीय मो. फरहाज उर्फ फराज, निवासी रामनगर (अयोध्या), को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उस पर बलात्कार, जान से मारने की धमकी, धार्मिक स्वतंत्रता का हनन और शारीरिक शोषण जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।
आरोपी 8 जुलाई को खुद थाने पहुंचा था, जहां से पुलिस ने तुरंत हिरासत में लेते हुए न्यायिक प्रक्रिया पूरी कर उसे रिमांड पर भेज दिया।
🕵️♂️ सिर्फ एक मामला नहीं? पुलिस खंगाल रही मॉल की पूरी संरचना
पुलिस इस मामले को अब केवल व्यक्तिगत अपराध के रूप में नहीं देख रही। मॉल में अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है कि कहीं यह कोई सुनियोजित नेटवर्क तो नहीं है जो महिलाओं को टारगेट करता है। मॉल प्रबंधन की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है — क्या उन्हें इस शोषण की जानकारी थी?
💬 सवाल जो खड़े हो रहे हैं
- क्या लूलू मॉल के भीतर कोई संगठित रैकेट काम कर रहा है?
- क्या महिला कर्मचारियों के लिए कोई सुरक्षा तंत्र मौजूद है?
- क्या धर्म परिवर्तन की यह पहली कोशिश थी?
🔚 क्या बड़े मॉल भी अब सुरक्षित नहीं?
इस पूरे घटनाक्रम ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या आज भी कार्यस्थल महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं? जिस लूलू मॉल को खरीदारी का स्वर्ग कहा जाता है, वहीं अगर महिलाएं अपनी अस्मिता और आस्था की रक्षा न कर सकें, तो यह प्रदेश और समाज – दोनों के लिए खतरे की घंटी है।
पुलिस की जांच आगे क्या खुलासा करती है, यह देखना बाकी है, लेकिन फिलहाल एक बात तो तय है — लूलू मॉल अब सिर्फ ब्रांड नहीं, एक गंभीर जांच का विषय बन चुका है।