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2 February 2025 9:39 pm

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राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के लिए न्यायिक अधिकारियों को दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश

48 पाठकों ने अब तक पढा

अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट

देवरिया, उत्तर प्रदेश । राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देवरिया के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जनपद न्यायाधीश देवेन्द्र सिंह ने की।

बैठक में जनपद न्यायालय के सभी सिविल जज उपस्थित रहे, जबकि ग्राम न्यायालय सलेमपुर, भाटपाररानी और बरहज के न्यायिक अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से सहभागिता की। बैठक के दौरान आगामी 08 मार्च 2025 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों पर विस्तृत चर्चा हुई।

लंबित मामलों के चिन्हीकरण के निर्देश

जनपद न्यायाधीश देवेन्द्र सिंह ने सभी न्यायिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अभी से अपने-अपने न्यायालयों में लंबित मामलों को चिन्हित करें, ताकि राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों का निस्तारण किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि संबंधित पक्षकारों को समय रहते नोटिस भेजे जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि इन नोटिसों का तामिला भी समय पर हो।

न्यायालयों को सुलह-समझौते को प्राथमिकता देने का सुझाव

बैठक के दौरान राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार सिंह ने बताया कि आगामी 08 मार्च 2025, शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के वादों का निपटारा किया जाएगा। इसमें निम्नलिखित विवादों को प्राथमिकता दी जाएगी:

अपराधिक शमनीय वाद

धारा 138 पराक्रम लिखित अधिनियम (चेक बाउंस मामलों से संबंधित), बैंक वसूली वाद, विद्युत एवं जल बिल विवाद, पारिवारिक विवाद, भूमि अधिग्रहण वाद

सरकारी कर्मचारियों के वेतन एवं भत्ते से जुड़े विवाद

राजस्व वाद एवं अन्य सिविल वाद (किराया, सुखाधिकार, व्यायादेश, विशिष्ट अनुतोष वाद आदि)

इसके अलावा, प्री-लिटिगेशन विवादों को भी प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने का निर्णय लिया गया, ताकि विवादों का समाधान आपसी सुलह-समझौते के माध्यम से किया जा सके।

लोक अदालत की सफलता के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार का निर्णय

बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों के निपटारे के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि पोस्टर, बैनर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से आम जनता को लोक अदालत की प्रक्रिया एवं लाभ के बारे में जागरूक किया जाए।

लोक अदालत से जनता को क्या लाभ होगा?

राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य लंबित मामलों के शीघ्र एवं सौहार्दपूर्ण समाधान को सुनिश्चित करना है। इसमें न केवल अदालतों में लंबित मामलों का निस्तारण किया जाता है, बल्कि न्यायालय में जाने से पहले के विवादों (प्री-लिटिगेशन) को भी निपटाने का प्रयास किया जाता है।

लोक अदालत की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें निपटाए गए मामलों में कोई अपील नहीं होती, जिससे पक्षकारों को समय और धन की बचत होती है। साथ ही, अदालत के माध्यम से विवाद सुलझने पर दोनों पक्षों को संतोषजनक समाधान मिलता है।

राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता सुनिश्चित करने के लिए देवरिया जिले में न्यायिक अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे मामलों का पहले से चिन्हीकरण करें, पक्षकारों को समय पर नोटिस भेजें और लोक अदालत के प्रचार-प्रसार को व्यापक स्तर पर बढ़ावा दें। 08 मार्च 2025 को आयोजित होने वाली इस लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों के निपटारे की उम्मीद है, जिससे न्याय प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और सुगम बनाया जा सकेगा।

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