देवरिया जिले के बरहज क्षेत्र में करुअना-मगहरा और बरहज-सोनूघाट मार्ग की बदहाल स्थिति ने जनजीवन को संकट में डाल दिया है। वर्षों से रुके निर्माण कार्य और अफसरशाही की लापरवाही ने समस्या को और गंभीर बना दिया है।
अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट
देवरिया(बरहज)। पूर्वी उत्तर प्रदेश का देवरिया जिला, जो कभी प्रशासनिक दक्षता और राजनैतिक सक्रियता के लिए जाना जाता था, आज मूलभूत ढांचागत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है। खासकर बरहज क्षेत्र की सड़कों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। कहीं गड्ढों में सड़कें गुम हैं, तो कहीं निर्माण कार्य वर्षों से अधर में लटका पड़ा है।
बरहज में टूटी सड़कों से टूटा जनजीवन
करुअना-परसिया-मगहरा-सलेमपुर मार्ग और बरहज-सोनूघाट मार्ग जैसे प्रमुख रास्तों की दुर्दशा ने आमजन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इन मार्गों पर बड़े-बड़े गड्ढों से भरी सड़कें दुर्घटनाओं को न्योता दे रही हैं। बरहज से सोनूघाट तक का रास्ता तो इतना खराब है कि भारी वाहनों की आवाजाही के दौरान आए दिन हादसे हो रहे हैं।
विधायक दीपक मिश्र शाका का फूटा गुस्सा
गुरुवार को आयोजित दिशा बैठक में बरहज विधायक दीपक मिश्र शाका का आक्रोश उस समय खुलकर सामने आया, जब उन्होंने लोक निर्माण विभाग की घोर लापरवाही पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बरहज क्षेत्र की सड़कों के निर्माण का मुद्दा उन्हें पांचवीं बार उठाना पड़ रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि जिम्मेदार अधिकारियों की नीयत में ही खोट है।
फंसी योजनाएं, उलझा विकास
करुअना-मगहरा मार्ग का निर्माण कार्य एक पेचीदा आर्थिक और प्रशासनिक उलझन में फंसा हुआ है। वर्ष 2020 में इस सड़क के लिए 24.26 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत हुई थी। लेकिन पांच बार में प्राप्त हुए 18.99 करोड़ रुपये में से मात्र 9.57 करोड़ ही इस परियोजना पर खर्च हो सके।
बाकी 9.28 करोड़ रुपये अन्य अस्वीकृत कार्यों पर खर्च कर दिए गए, जिससे यह मार्ग अभी तक अधूरा है।
ठेकेदार पर जुर्माना, फिर भी नहीं सुधरा हाल
निर्माण में लापरवाही बरतने पर संबंधित ठेकेदार की फर्म को ब्लैकलिस्ट करते हुए 1.10 करोड़ का जुर्माना वसूला गया। लेकिन इसके बावजूद भी सड़कों की हालत जस की तस बनी हुई है। शुरुआत में मिली पहली किस्त 4.85 करोड़ में से केवल 38 लाख रुपये ही इस मार्ग पर खर्च किए गए। बाकी रकम देवरिया-कसया मार्ग से हरिंदापुर, बैजनाथपुर और भटनी तक के चौड़ीकरण में लगा दी गई।
बरहज-सोनूघाट मार्ग पर भी संकट बरकरार
बरहज-सोनूघाट मार्ग की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि यह राहगीरों के लिए जानलेवा बन गया है। सोनूघाट से भलुअनी के बीच की सड़क पर कहीं भी गाड़ी चलाना जोखिम से खाली नहीं। जनता बार-बार इसकी शिकायत कर रही है, लेकिन समाधान अभी तक दूर की कौड़ी बना हुआ है।
स्थानीय लोगों में गुस्सा
स्थानीय व्यवसायी बिट्टू चौहान ने बताया, “सड़क का निर्माण जल्द पूरा होना चाहिए। लगातार हो रही परेशानियों ने जीना मुश्किल कर दिया है।”
उनकी बातों से साफ है कि आम जन अब सड़कों की मरम्मत के लिए और प्रतीक्षा नहीं करना चाहता।
प्रशासन ने फिर से भेजा प्रस्ताव
हालांकि प्रशासन का दावा है कि करुअना-परसिया-मगहरा-सलेमपुर मार्ग के लिए 14.35 करोड़ का नया एस्टीमेट तैयार कर प्रमुख सचिव को भेज दिया गया है, जिसकी स्वीकृति जल्द मिलने की उम्मीद है। वहीं बरहज-सोनूघाट मार्ग को फोरलेन बनाने की योजना भी प्रस्तावित है, मगर इसकी राह अभी लंबी और जटिल प्रतीत होती है।
देवरिया की सड़कों की ये दुर्दशा सिर्फ अफसरशाही की लापरवाही नहीं, बल्कि सिस्टम के पतन का प्रतीक बन चुकी है। जब तक योजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा नहीं किया जाएगा और जवाबदेही तय नहीं होगी, तब तक “विकसित देवरिया” सिर्फ एक चुनावी नारा बनकर रह जाएगा।