गोरखपुर में शेर की मौत के बाद बर्ड फ्लू को लेकर देवरिया में अलर्ट, 117 पोल्ट्री फार्मों से सैंपल जांच को भेजे गए। पशु विभाग ने सैनिटाइजेशन, टीकाकरण और निगरानी के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं।
अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट
देवरिया। गोरखपुर चिड़ियाघर में शेर की मौत के बाद देवरिया जिले का पशु चिकित्सा विभाग बर्ड फ्लू को लेकर सतर्क हो गया है। एहतियातन, जिले के सभी मुर्गी फार्मों और गौशालाओं को सैनिटाइज किया जा रहा है, वहीं 117 पोल्ट्री फार्मों के नमूने जांच हेतु बरेली लैब भेजे गए हैं।
तेज हुई निगरानी, रैपिड रिस्पांस टीमें सक्रिय
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए.के. वैश्य के अनुसार, जिले के सभी ब्लॉकों में रैपिड रिस्पांस टीमें सक्रिय कर दी गई हैं। ये टीमें लगातार पोल्ट्री फार्मों की निगरानी कर रही हैं और संक्रमण की आशंका को लेकर सतर्कता बरत रही हैं। हालांकि, अब तक किसी भी सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। विभाग फिलहाल जांच रिपोर्ट के इंतजार में है।
पक्षियों की निगरानी में वन विभाग भी सतर्क
गौरतलब है कि देवरिया जिले में 400 से अधिक मुर्गी फार्म हैं, जिनमें लगभग 4 लाख मुर्गे-मुर्गियां पाले जाते हैं। इसके साथ ही जिले में 28 सरकारी और कई दर्जन निजी गौशालाएं भी संचालित हैं। बर्ड फ्लू के संभावित खतरे को देखते हुए वन विभाग को भी पक्षियों की असामान्य मृत्यु पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
शत-प्रतिशत टीकाकरण का निर्देश
इस बीच, पशु चिकित्सा विभाग ने बर्ड फ्लू के साथ-साथ अन्य पशु रोगों से बचाव के लिए भी कड़े कदम उठाए हैं। डॉ. ए.के. वैश्य ने जिले के सभी पशु चिकित्सकों को 31 मई से 31 अगस्त तक शत-प्रतिशत एचएस वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसके तहत सभी पशुओं को वैक्सीनेशन से पहले परजीवी नाशक दवा पिलाई जाएगी और पूरी प्रक्रिया का रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाएगा।
देवरिया में बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर पशु चिकित्सा विभाग पूरी तरह सतर्क है। सैनिटाइजेशन, सैंपलिंग, और टीकाकरण जैसे सभी उपाय तेजी से किए जा रहे हैं। आमजन को घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है।