रामपुरवा, नरैनी में श्री बालाजी वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा घायल और बेसहारा गोवंशों के संरक्षण हेतु गौशाला की नींव रखी गई। दो बीघा भूमि पर 35 लाख की लागत से बन रही यह गौशाला समाजसेवा की मिसाल बनेगी।
सन्तोष कुमार सोनी के साथ सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
नरैनी, बांदा – क्षेत्र में बेसहारा और घायल गोवंशों के संरक्षण हेतु एक नई मिसाल पेश करते हुए श्री बालाजी वेलफेयर एसोसिएशन ने रामपुरवा के लपरहाई पुरवा में गौशाला की आधारशिला रखी। इस पुनीत कार्य का शुभारंभ भूमि पूजन से हुआ, जिसमें प्रशासनिक अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए।
विधिवत भूमि पूजन के साथ हुई नींव की स्थापना
इस शुभ अवसर पर नवागत उपजिलाधिकारी नरैनी अमित शुक्ला ने विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रतीकात्मक पिलर स्थापित किया और गौशाला निर्माण कार्य की शुरुआत की। यह गौशाला बालाजी गौ वात्सल्य संरक्षण केंद्र के माध्यम से संचालित की जाएगी, जिसकी पूरी परियोजना स्वैच्छिक सहयोग और दान पर आधारित होगी।
दो बीघा भूमि पर बनेगी गौशाला, 35 लाख का होगा व्यय
कार्यक्रम आयोजिका मंजू गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि यह गौशाला उनकी निजी दो बीघा भूमि पर निर्मित होगी। इसमें लगभग 35 लाख रुपये की लागत से शेड, चिकित्सा केंद्र, चारे और पानी की आधुनिक व्यवस्था की जाएगी।
घायल और बेसहारा गोवंशों को मिलेगा सहारा
गौ रक्षा समिति के तहसील अध्यक्ष सोनू करवरिया ने बताया कि यह गौशाला विशेष रूप से सड़क दुर्घटनाओं में घायल और बेसहारा गोवंशों की देखभाल के लिए समर्पित होगी। यहाँ इलाज, आहार और आश्रय की संपूर्ण व्यवस्था की जाएगी। यह केंद्र नरैनी कस्बे से मात्र चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इससे आसपास के करीब 10 गांवों को लाभ मिलेगा।
जनप्रतिनिधियों और प्रशासन का मिला सहयोग
इस अवसर पर पूर्व विधायक राजकरण कबीर, गौ रक्षा समिति के जिला अध्यक्ष महेश प्रजापति, तथा अन्य सामाजिक प्रतिनिधियों ने गौशाला के लिए हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने इस पहल को गौ सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम बताया।
व्यापक सहभागिता और सकारात्मक संदेश
कार्यक्रम में तहसीलदार संतोष कुमार कुशवाहा, डिप्टी सीईओ विजय कुमार कमल, डॉ. अभिषेक सिंह, प्रभारी निरीक्षक राममोहन राय, अशोक राजपूत, रवि शंकर मिश्रा, सौरभ गौतम, पप्पी गौतम, सर्वेश समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
उमेश तिवारी द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया, जिन्होंने गौ सेवा की महत्ता पर प्रकाश डाला।
यह गौशाला आने वाले समय में नरैनी क्षेत्र में गोवंश संरक्षण का एक सशक्त मॉडल बन सकती है। प्रशासन और समाज की संयुक्त भागीदारी से यह प्रयास न केवल गोसेवा को बल देगा, बल्कि क्षेत्रीय पशुधन सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाएगा।