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लखनऊ

सीरियल किलर राजा कोलंदर: इंसानों की हत्या कर उनका सिर काटता था, फिर मस्तिष्क (ब्रेन) का सूप बनाकर पीता

सीरियल किलर, नरभक्षी और खोपड़ी संग्रहकर्ता राजा कोलंदर को कोर्ट ने दोषी ठहराया

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25 साल पुराने डबल मर्डर केस में लखनऊ कोर्ट ने सीरियल किलर राजा कोलंदर को दोषी ठहराया। जानिए इस नरभक्षी अपराधी की खौफनाक कहानी, अदालत की कार्यवाही और अगली कार्रवाई।

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 25 साल पुराने डबल मर्डर केस में आखिरकार न्याय की जीत हुई है। कुख्यात अपराधी राजा कोलंदर उर्फ राम निरंजन कोल और उसके साले बच्छराज कोल को लखनऊ की अदालत ने मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की हत्या और अपहरण के मामले में दोषी करार दिया है। कोर्ट इस शुक्रवार को सजा की घोषणा करेगी।

कौन है राजा कोलंदर?

राजा कोलंदर का नाम उत्तर भारत के सबसे डरावने अपराधियों में लिया जाता है। वह न केवल सीरियल किलर है, बल्कि उस पर नरभक्षी होने और मानव खोपड़ियों का संग्रह करने जैसे संगीन आरोप हैं। इससे पहले वह पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या में भी दोषी पाया गया था, जिसमें उसके फार्महाउस से 14 मानव खोपड़ियां बरामद की गई थीं। इस मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है।

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मामले की पूरी कहानी: क्या हुआ था साल 2000 में?

24 जनवरी, 2000 को मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव लखनऊ से रीवा के लिए निकले थे। उन्होंने चारबाग रेलवे स्टेशन के पास से छह यात्रियों को बिठाया, जिनमें एक महिला भी शामिल थी।

अंतिम लोकेशन और गायब होने की सूचना

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उनकी आखिरी लोकेशन हरचंदपुर, रायबरेली की एक चाय की दुकान पर मिली थी। इसके बाद वे लापता हो गए। जब तीन दिन तक उनका कोई सुराग नहीं मिला, तो नाका थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

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शव बरामद और केस की शुरुआत

कई दिनों की खोजबीन के बाद, दोनों के क्षत-विक्षत शव प्रयागराज के शंकरगढ़ के जंगलों में बरामद हुए। इस केस की शिकायत मनोज कुमार सिंह के पिता शिव हर्ष सिंह ने दर्ज कराई थी।

जांच और अदालत की कार्यवाही

  • चार्जशीट दाखिल: 21 मार्च, 2001
  • मामले की सुनवाई शुरू: वर्ष 2013

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गवाह: कुल 12, जिनमें सबसे अहम शिव शंकर सिंह रहे

शिव शंकर सिंह ने अदालत में बताया कि उनकी मनोज और रवि से हरचंदपुर में बात हुई थी। उन्होंने एक भूरी कोट की पहचान भी की, जो आरोपी के घर से बरामद हुई थी। इससे यह साफ हुआ कि यह हत्याकांड पहले से पूरी तरह योजनाबद्ध था।

राजा कोलंदर की मानसिकता और पृष्ठभूमि

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राजा कोलंदर का असली नाम राम निरंजन कोल है। वह प्रयागराज के शंकरगढ़ का निवासी है और कभी केंद्रीय आयुध भंडार (सीओडी), छिवकी में कर्मचारी था।

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उस पर आरोप है कि वह इंसानों की हत्या कर उनका सिर काटता था, फिर मस्तिष्क (ब्रेन) का सूप बनाकर पीता था।

अब क्या आगे?

जज रोहित सिंह आगामी शुक्रवार को इस केस में सजा की घोषणा करेंगे। हालांकि राजा कोलंदर पहले से ही उम्रकैद की सजा काट रहा है, लेकिन यह फैसला लंबे समय से न्याय की राह देख रहे शिव हर्ष सिंह और उनके परिवार के लिए बड़ी राहत और संतोष लेकर आया है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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