बाँदा के नरैनी क्षेत्र के नसेनी गांव में चबूतरा निर्माण को लेकर हुए विवाद में 80 वर्षीय वृद्ध की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने दोनों पक्षों पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
सोनू करवरिया की रिपोर्ट
नरैनी (बाँदा)। रविवार शाम करीब छह बजे नरैनी कोतवाली क्षेत्र के नसेनी गांव में चबूतरे के निर्माण को लेकर दो पक्षों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद अचानक हिंसक हो उठा। इस झगड़े में 80 वर्षीय वृद्ध जगदेव गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना के तुरंत बाद परिजनों ने जगदेव को प्राथमिक उपचार के लिए सीएचसी पहुंचाया, जहां से डॉक्टर लवलेश पटेल ने एक्स-रे के लिए उन्हें बाँदा जिला अस्पताल रेफर कर दिया। दुर्भाग्यवश, उपचार के लिए ले जाते वक्त रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
विवाद की पृष्ठभूमि
ग्रामवासियों के अनुसार, यह विवाद पिछले डेढ़ वर्षों से चल रहा था। दोनों पक्ष पहले भी कई बार इस मसले पर आमने-सामने हो चुके थे, और पुलिस ने शांति भंग में उनका चालान भी किया था। हालांकि मामला राजस्व विभाग से जुड़ा होने के कारण आज तक इसका समाधान नहीं हो सका। यदि राजस्व विभाग ने समय रहते उचित कदम उठाया होता, तो इस दुखद घटना को टाला जा सकता था।
कानूनी कार्रवाई
घटना के बाद जगदेव की बहू सरोज ने विपक्षी बुद्ध विलास, शोभा, प्रदीप, खुशबू, राजकुमार वर्मा, संदीप, ज्ञाना व हीरामनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। वहीं, दूसरी ओर शोभा ने मृतक जगदेव, वीरन, विनोद और सरोज पर मुकदमा पंजीकृत कराया है।
कोतवाली प्रभारी आर.के. सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जगदेव की मौत के चलते धारा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज, बाँदा भेज दिया है।
यह घटना इस बात का उदाहरण है कि प्रशासनिक लापरवाही और राजस्व विभाग की निष्क्रियता कैसे एक पुराना विवाद हिंसा और मृत्यु में बदल सकता है। अब देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन आगे क्या कदम उठाते हैं।