
रामजी लाल विवाद पर गरमाई सियासत: अखिलेश पहुंचे आगरा, मौर्य बोले– ‘नौटंकी बंद करो’
रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। इस मुद्दे को लेकर देशभर में बहस छिड़ गई है। इसी क्रम में शनिवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आगरा पहुंचे, जहाँ उन्होंने राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन से मुलाकात की।
अखिलेश यादव ने साधा योगी सरकार पर निशाना
इस मुलाकात के दौरान अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि,
“यह करणी सेना नहीं बल्कि योगी की सेना है, जिसे सरकार से फंडिंग मिल रही है। मुख्यमंत्री के स्वजातीय लोगों ने तलवारें, बंदूकें और डंडे लहराकर डर का माहौल बनाया। ये पूरा हमला सोच-समझकर और साजिश के तहत किया गया था।”
अखिलेश ने स्पष्ट किया कि यह हमला रामजी लाल सुमन जैसे दलित नेता की आवाज को दबाने की कोशिश है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह सब कुछ पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्गों को भयभीत करने की साजिश का हिस्सा है।
पीडीए आंदोलन को लेकर अखिलेश का बड़ा बयान
अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर अखिलेश यादव ने लिखा,
“सामाजिक न्याय का राज स्थापित हो, इस संकल्प के साथ सपा सांसद रामजी लाल सुमन जी के मान-सम्मान और मनोबल की वृद्धि के लिए आज आगरा में पीडीए समाज स्वत: एकजुट हुआ। आगरा से आरंभ हुआ स्वाभिमान-स्वमान का ये पीडीए आंदोलन अपनी सरकार बनाकर ही संविधान, आरक्षण और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेगा। यह आंदोलन ‘आगरा आंदोलन’ के नाम से इतिहास में दर्ज होगा।”
इस बयान से यह संकेत मिलता है कि समाजवादी पार्टी आगामी चुनावों में PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को अपने मुख्य रणनीतिक आधार के रूप में प्रस्तुत कर रही है।
केशव प्रसाद मौर्य ने किया पलटवार, बताया “नौटंकी”
वहीं दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव की इस यात्रा को “नौटंकी” बताते हुए तीखा पलटवार किया। उन्होंने एक्स पर लिखा:
“अखिलेश यादव जी, नौटंकी बंद कीजिए। फर्जी PDA की हवा अब निकल चुकी है। आगरा में अपने ही सांसद रामजी लाल सुमन के बयान को वापस लेकर विवाद समाप्त किया जा सकता था, लेकिन आप और आपकी पार्टी के गुंडे सिर्फ आग में घी डालने का काम कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे जोड़ा,
“देश को तोड़ने नहीं, जोड़ने की राजनीति कीजिए, राष्ट्रीय एकता का पाठ पढ़िए! जातिवाद, परिवारवाद, तुष्टिकरण की राजनीति का युग समाप्त हो चुका है। समाजवादी पार्टी को समाप्तवादी मानसिकता से उबरना होगा।”
स्पष्ट है कि राणा सांगा पर बयान से शुरू हुआ विवाद अब एक बड़े राजनीतिक टकराव में तब्दील हो गया है। समाजवादी पार्टी जहां इसे सामाजिक न्याय की लड़ाई बता रही है, वहीं भाजपा इसे सिर्फ सियासी नौटंकी मान रही है। आने वाले समय में यह मुद्दा उत्तर प्रदेश की राजनीति को किस दिशा में ले जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट