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कासगंज

सन्नाटे में गूंजती चीख़ : कासगंज गैंगरेप पीड़िता ने 1098 पर खुद को बचाया, जब अपनों ने चुप्पी ओढ़ ली

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कासगंज गैंगरेप केस की पीड़िता ने 1098 हेल्पलाइन पर फोन कर दर्ज कराई शिकायत। पुलिस ने 8 अभियुक्तों को किया गिरफ़्तार। जानिए पूरी घटना, पीड़िता की हिम्मत और प्रशासन की प्रतिक्रिया।

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में घटित एक हृदय विदारक गैंगरेप की घटना ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया है। यह मामला तब सामने आया जब पीड़िता ने 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन पर फोन कर अपनी आपबीती साझा की। समाचार दर्पण से बात करते हुए पीड़िता और उसके साढ़े सत्रह वर्षीय मंगेतर ने बताया कि अगर आरोपी अगले दिन उसे कोचिंग से लौटते वक्त घूरता नहीं, तो शायद वह कभी एफआईआर भी दर्ज नहीं कराती।

गाँव की वीरानगी

दरअसल, यह घटना 10 अप्रैल को घटी थी, जब दोनों राशन कार्ड बनवाने के लिए गए थे। लौटते समय कुछ युवकों ने लड़की को घेर कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता के मंगेतर के अनुसार, वे दोनों इस घटना से इतना डर गए थे कि शुरुआत में उन्होंने किसी से कुछ न बताने का निर्णय लिया।

घटना के खुलासे की शुरुआत

हालांकि, अगले ही दिन जब अभियुक्त दोबारा सामने आया और लड़की को घूरने लगा, तब उसने साहस जुटाकर 1098 पर फोन किया और शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ़्तारी

इस मामले में पुलिस ने 12 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की और अब तक 8 आरोपियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। शेष दो की तलाश जारी है। कासगंज की पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा ने समाचार दर्पण को बताया कि पीड़िता के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कर लिए गए हैं। मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धाराएं 70(2), 308(5), 126(2), 351(3), 303(2) और पॉक्सो एक्ट की धाराएं 5 व 6 के अंतर्गत दर्ज किया गया है।

सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस की पहल

इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद पुलिस ने इलाके की सुनसान जगहों की पहचान कर वहां सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई है। 14 अप्रैल को पुलिस ने पीड़िता के घर के बाहर और भीतर कैमरे लगवाए और संवेदनशील स्थानों पर गश्त और पिकेट की व्यवस्था भी शुरू कर दी।

एसपी अंकिता शर्मा

पीड़िता का संकल्प—’आईएएस बनकर अपराध रोकूंगी’

समाचार दर्पण से बातचीत में पीड़िता ने बताया कि वह शुरू से ही अफसर बनना चाहती थी, और इस घटना ने उसके इरादों को और मजबूत किया है।

“मैं नौवीं क्लास से अफसर बनने के वीडियो देख रही हूं। मुझे पता है कि क्या पढ़ना है। मैं मेहनत करूंगी और अफसर बनकर रहूंगी,” उसने कहा।

वन स्टॉप सेंटर की काउंसलर मनीषा पाठक ने कहा, “घटना के बाद वह बेहद घबराई हुई थी लेकिन अब वह काफी संभल चुकी है। उसने खुद अपने लिए आवाज़ उठाई जब घरवाले खामोश रहे।”

मैं उसे बचा नहीं सका’—मंगेतर की पीड़ा

पीड़िता के मंगेतर ने समाचार दर्पण से कहा,

“अब तक इस बात से नहीं उबर पाया हूं कि मैं उसकी रक्षा नहीं कर सका। घटना के बाद हमें सबसे ज़्यादा समाज की बातों और घरवालों की नाराज़गी का डर था।”

उन्होंने बताया कि घटना के दिन वे दोनों एक सुनसान जगह पर आम के पेड़ के नीचे बैठकर बिरयानी और कोल्डड्रिंक खा रहे थे। तभी छह युवक आए और जबरन पैसे मांगने लगे। उन्होंने डर के मारे पांच हज़ार रुपये दिलवाए, लेकिन इसके बाद मामला लूट से आगे बढ़कर बलात्कार तक पहुंच गया।

वीडियो बनाकर धमकी दी गई

पीड़िता के अनुसार, आरोपियों ने वीडियो भी बनाया और धमकी दी कि किसी को बताया तो जान से मार देंगे। वह कहती है,

“अगर मेरा भाई उस दिन साथ नहीं होता, तो शायद कुछ और अनहोनी हो जाती।”

परिवार की सामाजिक स्थिति और पीड़िता की पृष्ठभूमि

लड़की अपनी नानी के घर रहती है और मौसी-मौसा को अपने माता-पिता मानती है। उसकी मां का देहांत बचपन में ही हो गया था और पिता ट्रक चालक हैं, जिनसे कोई संपर्क नहीं है।

मंगेतर ने कहा,

“मैंने सोचा था कि उसे खुश रखूंगा ताकि उसे कभी यह महसूस न हो कि उसका कोई नहीं है। लेकिन मैं कुछ नहीं कर सका।”

परिवार की प्रतिक्रिया—‘हम उसे अकेला नहीं छोड़ेंगे’

मंगेतर की मां ने भी शादी को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया,

“हम शादी करेंगे। घटना किसी के साथ भी हो सकती है, इसका मतलब ये नहीं कि हम उसे अकेला छोड़ दें।”

हालांकि, उन्होंने यह चिंता भी जताई कि अगर आरोपी छूट गए तो उनके बेटे की जान को खतरा हो सकता है।

घटनास्थल का मुआयना और इलाके का माहौल

घटनास्थल, जो आम के पेड़ और नहर के किनारे है, दिन के वक्त भी सुनसान रहता है। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। एक महिला पड़ोसी ने समाचार दर्पण से कहा, “हमारे गांव में यह पहली बार हुआ है। अब तो हर दिन पुलिस आती है, कैमरा लगा है, लेकिन डर तो हर लड़की के मन में बैठ गया है।”

अभियुक्तों के परिवारों की स्थिति

गिरफ़्तार आरोपियों में से एक रिंकू की मां का कहना है कि पुलिस ने सुबह चार बजे बिना कुछ बताए उसे छत से उठाकर ले गई। वहीं रिंकू के भाई ने कहा,

“अगर उसने अपराध किया है तो उसे सख्त सज़ा मिले, लेकिन अगर निर्दोष है तो न्याय होना चाहिए।”

सोनू नामक आरोपी की बहन की शादी 18 अप्रैल को तय है। उसकी मां ने बताया, “शादी अब बस नाम की रह गई है। भाई नहीं होगा तो क्या ख़ुशियाँ होंगी?”

प्रशासन की मदद

14 अप्रैल को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने पीड़िता से मुलाक़ात कर उसे ₹5 लाख रुपये का चेक सौंपा और सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी।

कासगंज की यह घटना सिर्फ एक केस नहीं, बल्कि समाज के सामने खड़े उस डरावने सच का आईना है जिसमें नाबालिग बच्चियां भी सुरक्षित नहीं हैं। पीड़िता की हिम्मत, उसके सपने और उसकी आवाज़ आज एक प्रतीक बन चुकी है—एक ऐसी आवाज़ जो कहती है, “मैं टूटी नहीं, मैं लड़ूंगी।”

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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