नगर पंचायत नरैनी की गौशाला में लापरवाही और अव्यवस्थाओं के चलते कई गोवंशों की मौत, विश्व हिंदू गौ रक्षा समिति ने जताई चिंता, उचित पोषण व देखरेख की माँग।
धर्मेन्द्र कुमार की रिपोर्ट
नरैनी, बाँदा। नगर पंचायत नरैनी स्थित गौशाला इन दिनों लचर व्यवस्था और प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार बनी हुई है। लगातार बीमार हो रहे गोवंश और हो चुकी कई मौतों ने न सिर्फ नगर पंचायत की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि जनआक्रोश को भी जन्म दिया है।
गंभीर हालात, लगातार बिगड़ती स्थिति
बीते कई दिनों से गौशाला में गोवंश बीमार पड़ रहे हैं और उचित इलाज तथा पोषण की कमी के कारण उनकी मौतें हो रही हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी मौन हैं। यह हालात तब हैं जब गौशाला का संचालन नगर पंचायत की देखरेख में हो रहा है।
ज्ञापन सौंपकर जताई चिंता
विश्व हिंदू गौ रक्षा समिति के तहसील अध्यक्ष सोनू करवरिया ने गौशाला की बदहाल स्थिति को लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष को एक लिखित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि गायों को सिर्फ सूखा भूसा खिलाया जा रहा है, जबकि उनकी सेहत के लिए जरूरी गुड़, नमक और अन्य पोषक तत्वों की व्यवस्था बिल्कुल नहीं है।
इलाज के नाम पर औपचारिकता
हालाँकि गौशाला में पशु चिकित्सक तैनात हैं, लेकिन उचित इलाज की व्यवस्था न होने से जानवरों की हालत में सुधार नहीं हो पा रहा है। इलाज केवल दिखावे तक सीमित है, जिससे स्थिति और भी खराब होती जा रही है।
जिम्मेदार सिर्फ फोटो खिंचवाने तक सीमित
सोनू करवरिया ने यह भी आरोप लगाया कि गौशाला के संचालन के लिए तैनात तीन प्रभारी केवल औपचारिकता निभा रहे हैं। वे समय पर पहुंचते हैं, फोटो खींचवाते हैं और वापस लौट जाते हैं। गौशाला में न तो साफ-सफाई का ध्यान है और न ही किसी तरह की निगरानी प्रणाली।
सुधार की मांग और समाधान का प्रस्ताव
संगठन ने मांग की है कि गौशाला में नियमित रूप से पौष्टिक आहार, गुड़, नमक और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जाए। साथ ही, ऐसे व्यक्ति को संचालन की जिम्मेदारी दी जाए जो पूरी निष्ठा के साथ कार्य करे और ज़मीनी स्तर पर निगरानी रखे।
गौशाला में गोवंशों की लगातार हो रही मौतें प्रशासन की उदासीनता को उजागर करती हैं। ऐसे हालात में नगर पंचायत को शीघ्र संज्ञान लेकर स्थिति को नियंत्रित करना चाहिए, अन्यथा यह मामला जनआक्रोश का कारण बन सकता है।