उत्तर प्रदेश के बदायूं में 95 लाख रुपये की बीमा राशि हड़पने के लिए एक युवक ने अपने बीमार भाई की हत्या कर दी। इस साजिश में वकील और डाककर्मी की भूमिका भी सामने आई है। जानें पूरी खबर।
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
बदायूं (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने अपने लकवाग्रस्त भाई की हत्या केवल बीमा राशि हड़पने के लिए कर डाली। हैरानी की बात यह है कि इस जघन्य अपराध में उसे न केवल एक वकील बल्कि एक डाककर्मी का भी साथ मिला।
दरअसल, बमनपुरी थाना क्षेत्र के इस्लामनगर निवासी नवीन आर्थिक तंगी और कर्ज में डूबा हुआ था। उसका भाई संजय लंबे समय से लकवाग्रस्त था। इसी का फायदा उठाते हुए नवीन ने पहले अपने भाई के नाम पर टाटा AIG, SBI जनरल और ICICI लोम्बार्ड जैसी बीमा कंपनियों से कुल 95 लाख रुपये की बीमा पॉलिसियां कराईं, जिनमें सभी का नामांकन स्वयं नवीन ने किया। ये पॉलिसियां 15 नवंबर 2023 से 21 मई 2024 के बीच कराई गईं।
हत्या को दिया हादसे का रूप
20 जून 2024 को नवीन ने अपने भाई संजय को इलाज के बहाने ई-रिक्शा से इस्लामनगर-बहजोई रोड पर ले जाकर मऊ गांव के पास सुनसान जगह पर रोक दिया। यहां उसने चालक को भगा दिया और फिर संजय का सिर कई बार सड़क पर पटक-पटककर उसकी निर्मम हत्या कर दी। इसके बाद वह उसे अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टरों ने संजय को मृत घोषित कर दिया। हत्या को छिपाने के लिए नवीन ने पुलिस में एक दुर्घटना की रिपोर्ट भी दर्ज कराई।
जांच में खुली साजिश की परतें
हालांकि, जब नवीन ने बीमा राशि के लिए दावा किया, तो टाटा AIG के जांच अधिकारी को संदेह हुआ। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि संजय की पत्नी से तलाक हो चुका था और वह अपने भाई नवीन के साथ ही रहता था। जब पुलिस ने नवीन से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया और बताया कि अखिलेश नामक एक वकील ने ही उसे इस साजिश के लिए उकसाया था।
यह मामला केवल एक हत्या का नहीं, बल्कि लालच, योजना और विश्वासघात का गंभीर उदाहरण है। एक ओर जहां नवीन ने अपने बीमार भाई को मौत के घाट उतार दिया, वहीं दूसरी ओर कानून के रक्षक माने जाने वाले वकील और डाककर्मी की संलिप्तता ने न्याय व्यवस्था को शर्मसार कर दिया है।