गोरखपुर की एक रिटायर्ड महिला शिक्षक के खाते से 12 लाख रुपये गुम हो गए। जांच में सामने आया कि उनका 14 वर्षीय बेटा यह रकम स्कैनर और गूगल पे के जरिए ठगों और दोस्तों को ट्रांसफर कर चुका था। जानिए इस चौंकाने वाले मामले की पूरी कहानी।
संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
गोरखपुर। डिजिटल युग में जहां एक ओर तकनीक ने जीवन को आसान बनाया है, वहीं दूसरी ओर इसके गलत इस्तेमाल ने कई परिवारों को परेशानी में भी डाला है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जो न केवल माता-पिता को, बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर देता है। इस घटना में एक 14 वर्षीय छात्र ने अपनी मां के खाते से 12 लाख रुपये उड़ा दिए और किसी को भनक तक नहीं लगी।
मां की तहरीर और साइबर थाने में हड़कंप
गोरखनाथ थाना क्षेत्र में रहने वाली एक रिटायर्ड महिला शिक्षक, जो शारीरिक रूप से विकलांग हैं, ने साइबर थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई कि उनके बैंक खाते से पिछले चार महीनों में धीरे-धीरे 12 लाख रुपये गायब हो गए हैं। उन्हें इस बात की जानकारी तब हुई जब बैंक से लगातार बैलेंस कम होने की सूचना आने लगी।
शिकायत मिलते ही साइबर थाने की टीम हरकत में आई और फौरन जांच शुरू की गई। शुरुआत में पुलिस को शक था कि कोई साइबर ठग इस घटना के पीछे है, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पुलिस भी हैरान रह गई।
जांच का चौंकाने वाला खुलासा
पुलिस जांच में यह सामने आया कि जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं, वे कुछ स्थानीय लोगों और मुंबई के एक युवक के नाम पर हैं। और सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि यह ट्रांजैक्शन किसी और ने नहीं, बल्कि महिला के ही बेटे ने किए थे, जो कक्षा 9वीं का छात्र है।
किशोर ने अपनी मां की नजरें बचाकर मोबाइल फोन और स्कैनर ऐप का इस्तेमाल करते हुए Google Pay के जरिए एक-एक करके कुल 10 से ज्यादा लोगों के खातों में पैसे भेजे थे।
ठगी की चाल में फंसा मासूम मन
जांच से यह भी पता चला कि कुछ समय पहले यह किशोर अपने मोहल्ले में रहने वाले एक बिजली मैकेनिक के संपर्क में आया था। इस मैकेनिक ने ही किशोर को डिजिटल ट्रांजैक्शन करना सिखाया और उसे एक अजनबी—मुंबई निवासी युवक—के खाते में पैसे भेजने के लिए तैयार किया।
मुंबई निवासी व्यक्ति के खाते में भेजे गए कुल 9.60 लाख रुपये बाद में उसी बिजली मैकेनिक के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए। इन पैसों में से कुछ राशि किशोर के ऊपर खर्च की गई, जैसे होटल में खाना खिलाना, उसे महंगे गिफ्ट्स देना आदि।
बाइक, बिरयानी और दोस्तों की फरमाइशें
इसके अलावा किशोर ने मोहल्ले के कई अन्य युवकों को भी पैसे भेजे। उसने एक दोस्त को बाइक दिला दी, किसी को बिरयानी विक्रेता के खाते में पैसे भेजे और कुछ दोस्तों के साथ महंगे होटल में खाना खाया। इन युवकों ने किशोर को बहला-फुसलाकर पैसे की फरमाइशें की और कहा कि उसके बदले वे उसे शानदार जिंदगी देंगे।
साइबर क्राइम और समाज की चेतावनी
यह मामला यह दिखाता है कि कैसे डिजिटल साक्षरता की कमी और बच्चों पर सही निगरानी न होने से पूरे परिवार को आर्थिक और मानसिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। अब पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारी यह भी बता रहे हैं कि किशोर की मानसिक स्थिति की जांच की जाएगी और उसे उचित काउंसलिंग दी जाएगी।
सीख क्या है?
यह घटना एक सख्त चेतावनी है उन सभी माता-पिता के लिए जो अपने बच्चों को स्मार्टफोन, इंटरनेट और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स तक पहुंच दे रहे हैं, बिना उनकी गतिविधियों पर नजर रखे।
- बच्चों को तकनीक का सही इस्तेमाल सिखाना जरूरी है।
- परिवार में डिजिटल ट्रांजैक्शन से जुड़ी सुरक्षा की जानकारी साझा करनी चाहिए।
- और सबसे जरूरी—बच्चों की संगत पर ध्यान देना चाहिए।