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गोरखपुर

बॉयलर विस्फोट से खतरे में सात जिंदगियों की सांसें, गोरखपुर हादसे ने खोली सुरक्षा की पोल!

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गोरखपुर की एक फास्ट फूड फैक्ट्री में बॉयलर विस्फोट से सात मजदूर घायल, दो की हालत नाजुक। जानें हादसे के पीछे की वजहें, अधिकारियों की प्रतिक्रिया और फैक्ट्रियों में जरूरी सुरक्षा उपाय।

सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में बुधवार शाम एक तेज धमाके ने पूरे इलाके को दहला दिया, जब एक फास्ट फूड फैक्ट्री में बॉयलर फट गया। यह हादसा उस समय हुआ जब नूडल्स को सुखाने के लिए बॉयलर का उपयोग किया जा रहा था। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसकी आवाज दो किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। साथ ही, कारखाने की चारदीवारी और टिन शेड पूरी तरह से ढह गए।

घटना में सात मजदूर घायल हुए, जिनमें से दो की स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है। सभी घायलों को सीएचसी पिपरौली ले जाया गया, जहां से उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। गंभीर रूप से झुलसे मजदूरों में उमर फारूक और माजिद शामिल हैं, जिनके शरीर का लगभग आधा हिस्सा जल चुका है।

अधिकारियों की तत्परता और मुख्यमंत्री का निर्देश

घटना की सूचना मिलते ही गोरखपुर के कमिश्नर अनिल धींगरा, डीएम कृष्णा करुणेश, डीआईजी आनंद कुलकर्णी और एसएसपी गौरव ग्रोवर ने मेडिकल कॉलेज का दौरा कर घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस हादसे का तुरंत संज्ञान लेते हुए पीड़ितों के लिए सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश अधिकारियों को दिया।

कारखाने में उत्पाद और स्वामित्व

यह फैक्ट्री हिमांशु मणि त्रिपाठी के स्वामित्व वाले डी-20 प्लॉट पर स्थित है और यहां इंस्टेंट नूडल्स के साथ-साथ पेपर प्लेट और कार्डबोर्ड जैसी पैकेजिंग सामग्री का भी उत्पादन होता है।

घटना के बाद उठे सुरक्षा सवाल

इस हादसे के बाद फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे हादसों को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय अनिवार्य हैं:

अत्याधुनिक और नियमित रूप से निरीक्षित उपकरणों का उपयोग

श्रमिकों को नियमित सुरक्षा प्रशिक्षण, हर फैक्ट्री में स्पष्ट और व्यावहारिक आपातकालीन योजना, समय-समय पर सुरक्षा ड्रिल और ऑडिट

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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