गोरखपुर के रामगढ़ ताल स्थित जेएसआर गार्डन में भीषण आग लगने से पांच रेस्टोरेंट जलकर खाक हो गए। नैनीताल मोमोज के किचन से शुरू हुई आग ने कुछ ही मिनटों में विकराल रूप ले लिया। प्रशासन ने शुरू किया नुकसान का मूल्यांकन, परिसर 24 घंटे के लिए बंद।
संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
गोरखपुर, गोरखपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल रामगढ़ ताल स्थित जेएसआर गार्डन में गुरुवार दोपहर को भीषण अग्निकांड हुआ, जिसमें पांच रेस्टोरेंट पूरी तरह जलकर राख हो गए। आग की शुरुआत नैनीताल मोमोज के किचन से हुई और देखते ही देखते पूरे परिसर को अपनी चपेट में ले लिया। अनुमान है कि इस घटना में दो करोड़ रुपये से अधिक की क्षति हुई है।
आग कैसे फैली?
दरअसल, दोपहर लगभग 2:10 बजे किचन के कोने से धुआं उठता देखा गया। कर्मचारियों ने तुरंत अग्निशमन यंत्रों की मदद से आग बुझा दी, लेकिन एक गंभीर चूक हुई—डक्ट सिस्टम के भीतर सुलगती आग पर किसी का ध्यान नहीं गया। वही अंदर की चिनगारी मात्र 10 मिनट बाद भयंकर लपटों में बदल गई, जो न सिर्फ नैनीताल मोमोज बल्कि पास के चार अन्य रेस्टोरेंट तक फैल गई।
हादसे की तीव्रता और तत्परता
जैसे ही दोबारा आग भड़की, 10 मिनट के भीतर फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंच गईं। पुलिस और अग्निशमन कर्मियों की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े हादसे को टाल दिया। मौके पर पहुंचकर उन्होंने आग पर नियंत्रण पाया और क्षेत्र को सुरक्षित किया। घटना के तुरंत बाद सांसद रवि किशन और गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन ने घटनास्थल का दौरा किया।
प्रशासन की कार्रवाई और मूल्यांकन
आग बुझाने के तुरंत बाद प्रशासन ने पूरे परिसर को 24 घंटे के लिए बंद कर दिया है ताकि जांच, निरीक्षण और सफाई का कार्य हो सके। जेएसआर गार्डन के निदेशक गुणाकेश तिवारी ने जानकारी दी कि जो रेस्टोरेंट आग की चपेट में नहीं आए हैं, उन्हें शुक्रवार शाम या शनिवार सुबह तक पुनः खोले जाने का प्रयास किया जा रहा है।
नुकसान का प्रारंभिक अनुमान
प्रारंभिक आंकलन के अनुसार, इस अग्निकांड में रेस्टोरेंट के इंटीरियर, किचन इक्विपमेंट, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, और तैयार खाद्य सामग्री समेत दो करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। प्रशासन और प्रबंधन संयुक्त रूप से प्रभावित दुकानदारों से बातचीत कर पूरी जानकारी जुटा रहे हैं।
सुरक्षा मानकों पर फिर से होगी समीक्षा
गोरखपुर विकास प्राधिकरण और अग्निशमन विभाग की टीमों ने घटना के बाद परिसर की संरचना और सुरक्षा उपायों का निरीक्षण किया। अब यह संभावना जताई जा रही है कि सुरक्षा मानकों की पुनः समीक्षा और मजबूत निगरानी व्यवस्था लागू की जाएगी।
रामगढ़ ताल जैसे व्यस्त पर्यटन क्षेत्र में यह अग्निकांड न केवल एक बड़ी आर्थिक क्षति है, बल्कि यह सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर भी सवाल उठाता है। प्रशासन की तत्परता सराहनीय रही, लेकिन अब ज़रूरत है कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए गहराई से सीख ली जाए।