तिब्बत में रविवार आधी रात 2:41 बजे आया 5.7 तीव्रता का भूकंप, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी महसूस किए गए झटके। जानें विस्तृत विवरण और भूकंप के प्रभाव।
संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
गोरखपुर/देवरिया। रविवार की आधी रात जब पूरा उत्तर भारत गहरी नींद में था, तभी अचानक धरती कांप उठी। भारतीय समयानुसार रात 2:41 बजे तिब्बत क्षेत्र में आए तेज भूकंप के झटके उत्तर प्रदेश और बिहार समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.7 मापी गई, और इसका केंद्र तिब्बत क्षेत्र में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था।
विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में लोग अचानक नींद से जाग उठे। कई लोग डर की वजह से अपने घरों से बाहर निकल आए। इस दौरान सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपने अनुभव साझा किए। कुछ ने झटकों को हल्का बताया, जबकि कई ने इसे “भयावह” करार दिया।
राहत की बात यह रही
अब तक की रिपोर्ट के अनुसार कहीं से भी किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है। फिर भी यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि हिमालयी क्षेत्र किस कदर भूकंपीय दृष्टिकोण से संवेदनशील बना हुआ है।
विशेषज्ञों की राय
भूवैज्ञानिकों का मानना है कि हिमालयी पट्टी एक “हाई सीस्मिक जोन” है, जहां इस तरह की हलचलों की संभावना हमेशा बनी रहती है। NCS के अनुसार, वे भूगर्भीय गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं, ताकि समय रहते किसी बड़े खतरे की चेतावनी दी जा सके।
भले ही यह भूकंप किसी बड़ी त्रासदी में नहीं बदला, लेकिन यह हमें एक बार फिर सतर्क रहने की चेतावनी दे गया है। भविष्य में संभावित भूकंपीय खतरों से निपटने के लिए सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी है।
तिब्बत में आए भूकंप के झटके उत्तर भारत के कई इलाकों, खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती जिलों में महसूस किए गए। नीचे उन प्रमुख क्षेत्रों की सूची दी गई है जहां लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए:
उत्तर प्रदेश में
गोरखपुर, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, मऊ, गाजीपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर,
बिहार में
पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीवान, गोपालगंज, सारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी
इन इलाकों में भूकंप के झटके हल्के से मध्यम तीव्रता के रूप में महसूस किए गए। खासकर बहु-मंजिला इमारतों और शांत रिहायशी इलाकों में यह कंपन ज्यादा स्पष्ट था।