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November 22, 2024 10:22 am

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कांपी धरती हिल गए लोग…. दिल्ली से पंजाब और जम्मू तक झूलती जमीन ने जान सुखा दिया

18 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला और राकेश सूद की रिपोर्ट 

नई दिल्‍ली: दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में मंगलवार रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इमारतों के हिलने से दहशत में लोग घरों से बाहर निकल आए। झटके रात करीब 10 बजकर 20 मिनट पर महसूस किए गए। घरों से निकले लोगों ने बताया कि उन्‍होंने साफ तौर पर इन झटकों को महसूस किया। इसने जान सुखा दी। कुछ समझ नहीं आ रहा था। यह रूह कंपा देने वाला था।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि अफगानिस्तान के फैजाबाद में रिक्टर स्केल पर 6.6 की तीव्रता वाला भूकंप आया। भूकंप के तेज झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। बातचीत में लोगों ने बताया कि इस तरह के तेज झटके उन्‍होंने पहले कभी महसूस नहीं किए थे।

बदहवास सड़कों पर दौड़ते दिखाई दिए लोग

दिल्‍ली-एनसीआर, जम्‍मू-कश्‍मीर सहित उत्‍तर भारत के ज्‍यादातर हिस्‍सों में लोगों से ऐसी ही प्रतिक्रिया मिली। कई तो डर के मारे सड़कों पर बदहवास दौड़ते हुए दिखाई दिए। दिल्ली दमकल सेवा का कहना है कि उन्हें शकरपुर इलाके में एक इमारत के झुकने की सूचना मिली है।

लोग दहशत से भरे हुए थे। जब भूकंप आया तो कई लोग सोने की तैयारी में थे। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि इसने नींद उड़ा दी। लोग आनन-फानन में भागकर घरों से बाहर निकल आए। कई लोगों को अपने छोटे-छोटे बच्‍चों के साथ देखा गया।

कई ने अब तक इतने तेज झटके नहीं किए थे महसूस

लखनऊ निवासी गीता शुक्‍ला ने बताया कि इसने रूह हिला दी। ऐसे भूकंप के झटके उन्‍होंने आज तक महसूस नहीं किए थे। वह सब कुछ छोड़कर घर के बाहर निकल आईं।

हाईराइज बिल्डिंग में इन झटकों को और भी ज्‍यादा महसूस किया। पूरी की पूरी बिल्‍डिंग हिलती महसूस हुई। हाईराइज बिल्डिंग में इन झटकों को और भी ज्‍यादा महसूस किया। पूरी की पूरी बिल्‍डिंग हिलती महसूस हुई। ऑफिस में काम करने वाले लोगों का कहना था कि काम करने के दौरान वहां मौजूद लाइट, पंखे और कुर्सियां तेजी से हिल रही थीं। इन झटकों से वे भी दहशत में आ गए।

लुधियाना, पंजाब के रहने वाले एक स्‍थानीय व्‍यक्ति ने बताया कि जब भूकंप आया तब वह सो रहे थे। उन्‍होंने महसूस किया कि उनका बिस्तर तेजी से हिल रहा है। इसके बाद वह बाहर भागे। उन्‍होंने कहा, ‘हमने काफी देर तक झटके महसूस किए। भगवान के शुक्र से कोई नुकसान नहीं हुआ।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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