गोरखपुर के बरगदवा में सड़क निर्माण के दौरान भूमिगत केबल कटने से राप्तीनगर क्षेत्र के 20 हजार घरों की बिजली गुल हो गई। अस्थायी लाइन न बनने के कारण उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
गोरखपुर: बरगदवा फ्लाईओवर के नीचे सड़क चौड़ीकरण कार्य के दौरान एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। निर्माण के बीच भूमिगत केबल कट जाने से राप्तीनगर क्षेत्र के लगभग 20 हजार घरों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। यह घटना बिजली निगम के अभियंताओं की चूक और कार्ययोजना में अस्थायी लाइन न बनाने की अनदेखी का नतीजा है।
उमस भरी गर्मी में लोग रहे बेहाल
शनिवार शाम लगभग 7 बजे जब सड़क निर्माण कार्य चल रहा था, तभी एफसीआई पारेषण उपकेंद्र से राप्तीनगर न्यू उपकेंद्र तक जाने वाली भूमिगत बिजली लाइन कट गई। इससे इलाके में बिजली आपूर्ति पूरी तरह बंद हो गई। पहले से खराब एक अन्य लाइन की वजह से कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी मौजूद नहीं थी, जिससे उपभोक्ताओं को 24 घंटे तपन झेलनी पड़ी।
जिम्मेदारी तय नहीं, व्यवस्था जुगाड़ से बहाल
हालांकि बाद में आपूर्ति किसी तरह जुगाड़ तकनीक से बहाल कर दी गई, लेकिन अब तक इस चूक की जिम्मेदारी किसी पर तय नहीं की गई है। जब मामला तूल पकड़ने लगा, तब जाकर नाले के ट्रेंच में केबल डालने का कार्य शुरू किया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि निर्माण से पहले ही अस्थायी लाइन डाल दी जाती, तो यह संकट पैदा ही नहीं होता।
भले से पहले चेतावनी, लेकिन अनदेखी जारी
राप्तीनगर क्षेत्र के अभियंता ने इस आशंका को भांपते हुए विद्युत माध्यमिक कार्यखंड, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग तथा गोरखपुर विकास प्राधिकरण को समय रहते पत्र भेजा था, जिसमें चेताया गया था कि निर्माण स्थल पर भूमिगत केबल मौजूद है। लेकिन दुखद तथ्य यह है कि इन विभागों में से किसी ने भी इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया, और बिना सूचना के ही खुदाई शुरू कर दी गई, जिससे केबल क्षतिग्रस्त हो गई।
बरगदवा बनाम स्पोर्ट्स कॉलेज रोड: दोहरी नीति उजागर
विशेषज्ञों का कहना है कि जहां भी सड़क चौड़ीकरण का कार्य होता है, वहां बिजली लाइन को शिफ्ट करने की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था की होती है, और इस पर नजर रखना विद्युत विभाग का काम है। स्पोर्ट्स कॉलेज रोड पर जब सड़क निर्माण हुआ था, वहां पहले अस्थायी लाइन बिछाकर काम शुरू किया गया था। लेकिन बरगदवा में यह मानक प्रक्रिया पूरी तरह नजरअंदाज कर दी गई।
क्या बोले अधिकारी?
“सड़क निर्माण से पहले अस्थायी लाइन बनाने की योजना नहीं थी। अब नाले के ट्रेंच में केबल बिछाई जा रही है।”
— सुजीत गुप्ता, अधिशासी अभियंता, विद्युत माध्यमिक कार्यखंड
बरगदवा में सड़क निर्माण के दौरान बिजली व्यवस्था की अनदेखी और लापरवाही ने एक बार फिर प्रशासनिक सुस्ती को उजागर कर दिया है। यदि समय रहते सतर्कता बरती जाती, तो 20 हजार परिवारों को गर्मी के इस मौसम में अंधेरे और परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।