रायबरेली में 21 वर्षीय छात्रा ने सोशल मीडिया पर सुसाइड नोट पोस्ट किया। मेटा की सतर्कता और यूपी पुलिस की फुर्ती से छात्रा को आत्महत्या से बचा लिया गया। जानिए कैसे कुछ मिनटों में हुई कार्रवाई।
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा (Meta) और यूपी पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने एक 21 वर्षीय छात्रा की जान बचा ली। छात्रा ने इंस्टाग्राम पर सुसाइड नोट के साथ एक कैप्सूल की तस्वीर पोस्ट की थी, जिससे उसकी जान खतरे में थी। लेकिन मेटा की संवेदनशीलता और पुलिस की सक्रियता ने एक अनहोनी को होते-होते टाल दिया।
दरअसल, 16 जून की शाम लगभग 7:42 बजे देवानंदपुर नई बस्ती गांव निवासी स्नातक छात्रा ने इंस्टाग्राम पर सुसाइड नोट साझा किया। इसमें उसने लिखा था – “अलविदा मम्मी-पापा।” साथ ही आत्महत्या के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं की तस्वीर भी पोस्ट की गई थी।
जैसे ही यह पोस्ट मेटा की निगरानी प्रणाली के अंतर्गत आई, कंपनी ने तुरंत इसका अलर्ट अपने हेडक्वार्टर से यूपी पुलिस की सोशल मीडिया सेल को भेजा। इसके बाद यह सूचना राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण तक पहुंची। डीजीपी ने तत्क्षण रायबरेली पुलिस को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
सिर्फ 8 मिनट में पहुंची पुलिस
आदेश मिलते ही रायबरेली जिले की मिल एरिया थाना पुलिस सक्रिय हुई। तकनीकी माध्यमों से छात्रा की लोकेशन और मोबाइल नंबर का पता लगाया गया। आश्चर्यजनक रूप से मात्र आठ मिनट में पुलिस टीम छात्रा के घर पहुंच गई। वहां पहुंचकर पुलिस ने छात्रा से बातचीत की और उसे आत्मघाती कदम से रोका।
मिल एरिया थानाध्यक्ष राजीव सिंह ने बताया कि छात्रा मानसिक अवसाद से गुजर रही थी। पूछताछ में उसने बताया कि वह आगे पढ़ाई करना चाहती है, लेकिन उसके परिवारजन उसकी शादी को लेकर दबाव बना रहे थे। इस कारण वह तनाव में आ गई थी और आत्महत्या का विचार उसके मन में आया।
समझाइश से बदला माहौल
पुलिस ने न केवल छात्रा से सहानुभूति के साथ बात की, बल्कि परिवारजनों से भी शांतिपूर्वक चर्चा की। अंततः दोनों पक्षों ने मिलकर सकारात्मक निर्णय लेने की बात कही। पुलिस ने छात्रा को आश्वासन दिया कि वह उसकी शिक्षा के समर्थन में है और ऐसी किसी भी परिस्थिति में सहायता के लिए तैयार है।
यह घटना न केवल सोशल मीडिया निगरानी की उपयोगिता को दर्शाती है, बल्कि पुलिस प्रशासन की संवेदनशीलता और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली की भी सराहनीय मिसाल है।
इस घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि यदि तकनीक का सही उपयोग किया जाए और प्रशासनिक तंत्र सक्रिय हो, तो बड़ी से बड़ी त्रासदी को रोका जा सकता है।
मेटा की सतर्कता और यूपी पुलिस की संवेदनशीलता ने एक युवा जीवन को खत्म होने से बचा लिया – यह आधुनिक तकनीक और मानव संवेदना का प्रभावी संगम है। प्रदर्शित चित्र मात्र सांकेतिक है