गोंडा में सपा नेता शिवपाल यादव ने केंद्र सरकार से पीओके पर कार्रवाई की मांग की। कश्मीर आतंकी हमले, करणी सेना और धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दों पर भी केंद्र को घेरा। पढ़ें पूरी खबर।
नौशाद अली की रिपोर्ट
गोंडा। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने केंद्र सरकार से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) पर ठोस कार्रवाई की मांग की है।
रविवार को गोंडा में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे शिवपाल यादव ने कहा कि अब वक्त आ गया है जब भारत को पीओके को वापस लेने के लिए निर्णायक कदम उठाना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने चुनावी वादों में पीओके को भारत में शामिल करने की बात कही थी, लेकिन आज तक कोई ठोस पहल नहीं हुई।
सिर्फ बयान नहीं, चाहिए कार्रवाई: शिवपाल का केंद्र पर निशाना
शिवपाल यादव ने कहा, “भारत का हर हिस्सा हमारी धरती है और उस पर दावा जताना हमारा संवैधानिक अधिकार है। लेकिन इसके लिए सिर्फ बयानबाजी से काम नहीं चलेगा, सरकार को ठोस रणनीति अपनानी होगी।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि सपा ऐसे हर राष्ट्रीय मुद्दे पर सरकार के साथ खड़ी है, लेकिन सरकार को अब दिखावटी राजनीति छोड़कर धरातल पर कार्य करना चाहिए।
कश्मीर आतंकी हमले पर उठाए सवाल, सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका पर संदेह
हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए यादव ने कहा कि जब देश में इतनी सख्त सुरक्षा व्यवस्था होने का दावा किया जाता है, तो फिर आतंकी हमले कैसे हो जाते हैं? उन्होंने सवाल किया, “आखिर खुफिया एजेंसियां उस समय कहां थीं? और सरकार इन विफलताओं की जवाबदेही कब तय करेगी?”
करणी सेना को बताया ‘आतंकवादी मानसिकता’ वाला संगठन
अपने संबोधन के दौरान शिवपाल यादव ने करणी सेना को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि यदि कोई संगठन खुलेआम एक राज्यसभा सांसद को जान से मारने की धमकी देता है, तो उसे आतंकवादी मानसिकता वाला संगठन ही माना जाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ऐसे संगठनों को संरक्षण दे रही है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर कर रहे हैं।
धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रहार: दरगाह मेले और मदरसों पर कार्रवाई की आलोचना
शिवपाल यादव ने बहराइच के ऐतिहासिक दरगाह मेले पर प्रतिबंध और मदरसों पर हो रही कार्रवाई को धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया। उन्होंने कहा, “500 वर्षों से चली आ रही परंपरा को रोकना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और यह साफ दर्शाता है कि सरकार धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा दे रही है।”
भाजपा के भीतर ही उठ रही लोकतंत्र की आवाजें
भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बयान पर टिप्पणी करते हुए, जिसमें उन्होंने कहा था कि “सरकार में विधायकों की कोई औकात नहीं है”, शिवपाल ने कहा कि जब सत्तारूढ़ दल के नेता ही लोकतंत्र के क्षरण की बात करें, तो यह सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।