दिल्ली कोर्ट से बरी होने के बाद भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह ने अयोध्या पहुंचकर भगवान का आशीर्वाद लिया। उन्होंने कानूनों के दुरुपयोग पर चिंता जताई और कांग्रेस पर साजिश का आरोप लगाया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
गोंडा/अयोध्या। पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को महिला पहलवानों से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली की एक अदालत से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने दिल्ली पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद बृजभूषण सिंह सीधे अयोध्या पहुंचे और हनुमानगढ़ी में बजरंगबली का आशीर्वाद लिया। इसके पश्चात वे नंदिनी नगर स्थित मां नंदिनी मंदिर भी गए।
फैसले के बाद पहली प्रतिक्रिया में क्या बोले बृजभूषण?
सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैंने पहले ही कहा था कि अगर मुझ पर आरोप साबित हो जाएं, तो मैं फांसी पर झूल जाऊंगा। आज सच सबके सामने आ गया है।” इस मौके पर उन्होंने एक शेर भी पढ़ा –
“कभी तो बता दो मेरे पास आकर, मिला है तुम्हें क्या मुझको सताकर,
खता क्या थी कि तुम खफा हो गए।”
कानूनों के दुरुपयोग पर जताई चिंता
बृजभूषण सिंह ने तीन प्रमुख कानूनों – दलित उत्पीड़न, दहेज उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न – के दुरुपयोग पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों की रक्षा करना है, लेकिन इनका बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल हो रहा है। इसके चलते कई युवा, अधिकारी और साधु-संत आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं या अपमानित जीवन जीने को मजबूर हैं।
POCSO कानून पर बोले – ‘समाप्त नहीं, सुधार जरूरी’
उन्होंने स्पष्ट किया कि वे POCSO कानून को खत्म करने की मांग नहीं कर रहे, बल्कि इसके दुरुपयोग को रोकने की जरूरत पर बल दे रहे हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि यदि कोई व्यक्ति अदालत से निर्दोष साबित होता है तो उसे मानसिक व सामाजिक प्रताड़ना से बचाने के लिए कड़े प्रावधान होने चाहिए। साथ ही झूठा आरोप लगाने वालों पर दोगुना दंड निर्धारित करने की मांग की।
कांग्रेस और हुड्डा परिवार पर लगाए गंभीर आरोप
बृजभूषण सिंह ने इस पूरे मामले को कांग्रेस और विशेष रूप से हुड्डा परिवार द्वारा रचा गया षड्यंत्र बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रियंका गांधी को भी गुमराह किया गया और आम आदमी पार्टी ने इस साजिश में सहयोग दिया। उन्होंने कहा, “जो लोग बिना सोचे-समझे राजनीतिक लाभ के लिए किसी की जान लेने पर उतारू हो जाते हैं, उन्हें ईश्वर जरूर सजा देता है।”
कुश्ती संघ से भावनात्मक जुड़ाव दोहराया
सिंह ने कुश्ती संघ में अपने 12 वर्षों के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि यह खेल उन्हें बहुत कुछ दे गया। उन्होंने दावा किया कि कुश्ती में आज भी उनका वर्चस्व कायम है और जिन्होंने षड्यंत्र किया था, वे अपने उद्देश्य में असफल रहे।