उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में बिना लाइसेंस चल रहे एक निजी अस्पताल में झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही से 6 साल के बच्चे की मौत। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, अस्पताल दोबारा सील। प्रशासन सख्त कार्रवाई की तैयारी में।
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के सिरियावा कला गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। अवैध रूप से संचालित अस्पताल में इलाज के नाम पर झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक छह साल के बच्चे की जान चली गई। पुलिस ने दोनों फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि अस्पताल को फिर से सील कर दिया गया है।
दरअसल, पीड़ित पिता राम आसरे ने 16 मार्च को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके बेटे को चार महीने पहले पैर में चोट लगी थी। इलाज के दौरान पैर में इंट्रामेडुलरी रॉड लगाई गई थी। जब रॉड निकालने का समय आया, तो विकास कुमार (26) और विशेष कुमार (25) नामक दो भाइयों ने, जो खुद को सर्जन बताते थे, बिना किसी योग्य डॉक्टर की मौजूदगी के खुद ही ऑपरेशन कर डाला।
ऑपरेशन के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव और संक्रमण के कारण बच्चे की हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। इस घटना से पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया।
पुलिस जांच में हुआ बड़ा खुलासा
सीओ चायल सत्येंद्र प्रसाद तिवारी ने बताया कि जांच में स्पष्ट हुआ कि दोनों आरोपी बिना किसी मेडिकल डिग्री के अस्पताल चला रहे थे। उन पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है।
चार साल से चला रहे थे फर्जी अस्पताल
बताया गया कि दोनों भाइयों ने लगभग चार साल पहले ‘अनमोल अस्पताल’ नाम से एक निजी अस्पताल खोला था। यह अस्पताल उनके किसान भाई संजय कुमार के नाम पर पंजीकृत था, लेकिन कोई वैध मेडिकल लाइसेंस नहीं था।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय कुमार ने बताया कि यह अस्पताल पहले भी नियमों के उल्लंघन के चलते सील किया गया था। बावजूद इसके, दोनों भाइयों ने इसे दोबारा शुरू कर दिया।
प्रशासन का सख्त रुख
अब स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे केवल पंजीकृत और योग्य डॉक्टरों से ही इलाज कराएं, ताकि इस तरह की दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों।