कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ठगी के मामलों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला ने खुद को IAS अधिकारी की पत्नी बताकर करीब 10 महिलाओं से 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है। आरोपी महिला, जिसका नाम रश्मि बताया जा रहा है, ने सहेलियों से विश्वास जीतकर उन्हें आर्थिक जाल में फंसा लिया।
झूठी पहचान और मंहगी जीवनशैली का दिखावा
रश्मि अमीर घरानों की महिलाओं से संपर्क साधने के लिए खुद को IAS अधिकारी की पत्नी बताती थी। वह महंगे समारोहों में हिस्सा लेती, अपनी लाइफस्टाइल को अत्यधिक आकर्षक दिखाती और किटी पार्टियों के जरिए महिलाओं से मेलजोल बढ़ाती। रश्मि ने किटी ग्रुप का आयोजन करके धीरे-धीरे अपने शिकारों को जाल में फंसाना शुरू किया।
मजबूरी और लालच के बहाने
रश्मि ने अपने झूठ को और विश्वसनीय बनाने के लिए अपने जीवन से जुड़ी दुखद कहानियां गढ़ी। वह कहती थी कि उसका पति उसे प्रताड़ित करता है, बच्चों की फीस भरने के लिए पैसे चाहिए, या फिर म्यूचुअल फंड में निवेश कर अधिक मुनाफा दिलाने का वादा करती। इसी भरोसे के चलते महिलाओं ने धीरे-धीरे अपनी जमा पूंजी उसे सौंप दी।
छोटे उधार से बड़े घोटाले तक
रश्मि ने शुरुआत में छोटे-छोटे उधार लेकर उन्हें समय पर चुकाकर महिलाओं का विश्वास जीता। इसके बाद उसने बड़ी रकम उधार लेनी शुरू की। जब महिलाओं ने अपनी रकम वापस मांगी, तो उसने धमकी देते हुए खुद ही उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की धमकी दी।
पुलिस में शिकायत और जांच
जब महिलाओं को रश्मि की सच्चाई समझ में आई, तो उन्होंने एकजुट होकर इंदिरानगर थाने में उसके खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई। पीड़ित महिलाओं का दावा है कि उनके पास लेन-देन से संबंधित सभी सबूत मौजूद हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
समाज में विश्वासघात का उदाहरण
यह मामला समाज में बढ़ती ठगी की घटनाओं और विश्वासघात की मिसाल है। आरोपी रश्मि ने न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाया बल्कि लोगों के भरोसे को भी तोड़ा है। पुलिस की जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि इस ठगी के पीछे कितने और लोगों का हाथ हो सकता है।
लखनऊ जैसे शहर में इस तरह के मामले समाज को सतर्क रहने की सीख देते हैं, ताकि आगे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।