उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में ढाई फुट लंबे दूल्हा-दुल्हन की जोड़ी रही चर्चा का विषय। जानिए उनके विवाह की पूरी कहानी।
नौशाद अली की रिपोर्ट
कौशांबी। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत गुरुवार को कौशांबी जिले के भरवारी नगर पालिका परिषद स्थित भवंस मेहता महाविद्यालय में आयोजित समारोह में एक विशेष जोड़ा सभी का ध्यान आकर्षित कर गया। यह जोड़ा था ढाई फुट कद वाले जितेंद्र पटेल और हीरामणि पटेल का, जिन्होंने योजना के तहत अपने जीवन की नई शुरुआत की।
इस कार्यक्रम में कुल 321 जोड़ों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिनमें से 4 मुस्लिम जोड़ों सहित 298 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया गया। कार्यक्रम की निगरानी कर रहे जिला समाज कल्याण अधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि सभी नवविवाहित जोड़ों को शासन द्वारा निर्धारित गृहस्थी का सामान भी भेंट स्वरूप प्रदान किया गया।
ढाई फुट कद वाला जोड़ा बना आकर्षण का केंद्र
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दूल्हे जितेंद्र पटेल (21) का मूल निवास ग्राम गोपाल, प्रतापगढ़ में है, जबकि वधू हीरामणि पटेल (18) कौशांबी जिले के भरवारी क्षेत्र की रहने वाली हैं। दोनों की लंबाई लगभग ढाई फुट है, जो समारोह में विशेष चर्चा का विषय बनी रही।
मुंबई से लखनऊ तक, प्यार और समझदारी की कहानी
दूल्हे के बड़े भाई राजेंद्र पटेल ने बताया कि वह और जितेंद्र मुंबई में फलों का व्यवसाय करते हैं। कुछ दिन पहले एक व्यक्ति गांव आया और बातचीत के दौरान पता चला कि कौशांबी में उसी कद की एक लड़की है। इस सूचना के बाद परिवारों के बीच बातचीत हुई और दोनों का रिश्ता तय कर दिया गया।
जैसे ही जितेंद्र को इस रिश्ते की जानकारी दी गई, उन्होंने तुरंत मुंबई से लखनऊ की फ्लाइट ली और सीधे घर पहुंचे। अगले ही दिन मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जितेंद्र और हीरामणि का विवाह संपन्न कराया गया।
आर्थिक तंगी बनी योजना में शामिल होने की वजह
हीरामणि के परिजनों ने बताया कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वे पारंपरिक तरीके से विवाह करने में सक्षम नहीं थे। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ उठाने का निर्णय लिया, जिसे दूल्हे पक्ष ने सहर्ष स्वीकार किया।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सहारा बन रही है, बल्कि यह समाज में समानता और सहयोग का संदेश भी दे रही है। ढाई फुट कद वाले जितेंद्र और हीरामणि की शादी इस बात का उदाहरण है कि सच्चे रिश्ते कद-काठी से नहीं, दिल से बनते हैं।