ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
मैनपुरी। बलिया में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत हुए फर्जीवाड़े के मामले ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। इसमें कई अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई थी। अब ऐसा ही एक और मामला मैनपुरी से सामने आया है।
इस नए मामले में भी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया गया है। अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषी पाए जाने पर संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के मामलों में कड़ी जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई के माध्यम से फर्जीवाड़े को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।
यह घटना मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की एक गंभीर मिसाल है। मैनपुरी के विकास खंड घिरोर के गांव नाहिली में विजय पाल ने अपनी पुत्री सेजल की शादी पहले ही कर दी थी, लेकिन बाद में उसे सामूहिक विवाह योजना में शामिल कर फिर से शादी कराई गई। इस मामले में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा है, जिसमें रिश्वत लेने का भी दावा किया गया है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रत्येक जोड़े को 51 हजार रुपये दिए जाते हैं, जिसमें 35 हजार रुपये सीधे बेटी के खाते में जमा होते हैं, 10 हजार रुपये का सामान और 6 हजार रुपये आयोजन पर खर्च किए जाते हैं।
इस घटना के उजागर होने के बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी ने कहा है कि अगर ऐसी गड़बड़ी हुई है, तो जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। यह मामला प्रशासनिक निगरानी की कमी और भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करता है।
इस तरह की घटनाएं योजनाओं के लाभार्थियों के साथ धोखाधड़ी और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग की ओर इशारा करती हैं। ऐसे मामलों की सख्त जांच और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की अनियमितताएं रोकी जा सकें।
Author: samachar
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